छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित नारायणपुर जिले से बड़ी खबर सामने आई है, जहां पुलिस ने एक भीषण मुठभेड़ में 26 माओवादियों के मारे जाने का दावा किया है। राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए बताया कि ओरछा इलाके में पिछले 50 घंटों से सर्च अभियान चल रहा था, जिसके तहत यह मुठभेड़ हुई।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा,
“इस ऑपरेशन में 26 से अधिक माओवादी मारे गए हैं। जानकारी मिल रही है कि इनमें से कुछ वरिष्ठ कैडर के माओवादी भी शामिल हैं।”
उन्होंने यह भी संकेत दिए कि मारे जाने वाले माओवादियों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। उन्होंने राज्य सरकार की मंशा दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को ‘लाल आतंक से मुक्त’ कराने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
पिछले 15 महीनों में 400 से अधिक माओवादी मारे गए
राज्य में माओवादी गतिविधियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने बीते 15 महीनों में लगातार सघन ऑपरेशन चलाए हैं। इन कार्रवाइयों में अब तक 400 से अधिक संदिग्ध माओवादी मारे जा चुके हैं। यह मुठभेड़ उसी रणनीति का हिस्सा है, जिसमें नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों को सुरक्षित किया जा रहा है।
केंद्र सरकार का लक्ष्य: 2026 तक माओवाद का अंत
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि भारत को 31 मार्च 2026 तक माओवादी आतंक से मुक्त कर दिया जाएगा। इसी दिशा में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर लगातार सुरक्षा बलों की तैनाती और अभियानों को तेज कर रहे हैं।
क्या है आगे की रणनीति?
सुरक्षा बलों के अनुसार, सर्च ऑपरेशन जारी है और मुठभेड़ स्थल से अस्त्र-शस्त्र और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं। इस ऑपरेशन को सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब माओवादी गतिविधियां फिर से सक्रिय होने की कोशिश कर रही थीं।
छत्तीसगढ़ में माओवादी समस्या वर्षों से एक बड़ी चुनौती रही है, लेकिन हालिया कार्रवाइयों से यह संकेत मिल रहा है कि राज्य सरकार अब निर्णायक लड़ाई की ओर बढ़ रही है।
