मुंबई के विले पार्ले इलाके में स्थित एक जैन मंदिर पर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की ओर से की गई कार्रवाई के विरोध में जैन समुदाय के लोगों ने ज़ोरदार प्रदर्शन किया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर सीधा हमला बोला है।
⚙️ क्या है मामला?
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कांबलीवाड़ी स्थित नेमिनाथ सहकारी आवास सोसाइटी में बने ‘चैतलया’ जैन मंदिर को बीएमसी ने 16 अप्रैल को गिरा दिया था। मंदिर ट्रस्टी अनिल शाह ने बताया कि यह संरचना 1960 के दशक की थी और इसका जीर्णोद्धार बीएमसी की मंज़ूरी से ही किया गया था।
📣 समुदाय और दलों की प्रतिक्रिया
बीएमसी की इस कार्रवाई को जैन समुदाय ने अनुचित बताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“बीजेपी सरकार ने मुंबई में मंदिर पर बुलडोज़र चलवा दिया। 90 साल पुराने पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर पर हमला जैन समाज सहित पूरे देश को आहत करता है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।”
आम आदमी पार्टी ने भी भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा,
“इस समय भारतीय जनता पार्टी की गंदी नज़र देश के धार्मिक स्थलों की ज़मीनों पर है। इन ज़मीनों को हथियाकर अपने खास दोस्तों को देने की साज़िश रची जा रही है।”
🗣️ सपा का भी विरोध
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा सरकार पूरे भारत में शांतिपूर्ण जैन समुदाय को निशाना बना रही है, जो अत्यंत निंदनीय है।
🧾 निष्कर्ष
इस विवाद ने महाराष्ट्र की राजनीति में गर्मी ला दी है। जहां जैन समुदाय न्याय की मांग कर रहा है, वहीं विपक्षी पार्टियाँ इस मुद्दे को धार्मिक अस्मिता से जोड़कर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही हैं। अब देखना यह होगा कि बीएमसी या सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।
