जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश का माहौल है। इस बीच, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अत्याचार करने वालों को सबक सिखाना हमारा धर्म है।
मोहन भागवत ने कहा, “हम कभी अपने पड़ोसियों का नुकसान नहीं करते, लेकिन यदि कोई गलत रास्ता अपनाता है तो राजा का कर्तव्य है कि वह अपनी प्रजा की रक्षा करे। रावण का वध भी उसके कल्याण के लिए ही हुआ था। यह हिंसा नहीं बल्कि सच्ची अहिंसा है।”
भागवत ने जोर देकर कहा कि धर्म और अधर्म के बीच की यह लड़ाई हमें याद दिलाती है कि नफरत और दुश्मनी हिंदू संस्कृति का हिस्सा नहीं है, लेकिन चुपचाप अत्याचार सहना भी हमारी परंपरा नहीं है। “अगर ताकतवर हैं तो आवश्यकता पड़ने पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी करना चाहिए,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम ने रावण को सुधरने का अवसर दिया था, लेकिन जब वह नहीं सुधरा, तब उसका वध करना आवश्यक हो गया। उसी तरह आज हमें भी बुराई का अंत करने के लिए अपनी शक्ति का सही समय पर उपयोग करना होगा।
देश में इस वक्त आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की मांग उठ रही है और मोहन भागवत का यह बयान इस भावना को और मजबूती देता है।
