नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ हुई सैन्य कार्रवाई और भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति को लेकर चार अहम संदेश दिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक ‘नया सामान्य’ (New Normal) स्थापित किया है।
यह भाषण पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के भीतर और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में की गई मिसाइल कार्रवाई के पाँच दिन बाद आया है। उस हमले में 26 लोगों की जान गई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा:
“हमने सिर्फ़ हमला नहीं रोका है, बल्कि यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत हर कदम को पाकिस्तान के रवैये के आधार पर तय करेगा।”
पीएम मोदी के भाषण के चार बड़े संदेश:
- ऑपरेशन सिंदूर एक टर्निंग पॉइंट है:
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस ऑपरेशन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को एक नए मुकाम पर पहुँचा दिया है। - हमला रोका गया है, खत्म नहीं हुआ:
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने सैन्य कार्रवाई रोकी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि जवाबी नीति को विराम दे दिया गया है। - पाकिस्तान को ‘परीक्षा की दृष्टि’ से देखा जाएगा:
भारत अब पाकिस्तान के हर कदम को उसके वास्तविक रवैये के आधार पर परखेगा, न कि केवल बयानबाज़ी पर। - अमेरिका की मध्यस्थता का कोई उल्लेख नहीं:
मोदी के भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता वाले दावे का कोई ज़िक्र नहीं था। यह बताता है कि भारत अपने निर्णयों को पूरी तरह स्वतंत्र रूप से ले रहा है।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संकेत
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह भाषण घरेलू असंतोष को शांत करने की भी एक कोशिश थी, खासकर उन समर्थकों के लिए जो पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई को आगे न बढ़ाने से नाराज़ थे।
वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम उसकी मध्यस्थता का परिणाम था, लेकिन भारत ने इस पर चुप्पी बनाए रखी।

