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हनीमून मर्डर केस: सोनम नहीं, प्रेमी राज कुशवाहा है मास्टरमाइंड, हत्या की चार बार रची गई साजिश

शिलांग/इंदौर। हनीमून पर गए राजा रघुवंशी की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या की मास्टरमाइंड सोनम रघुवंशी नहीं बल्कि उसका कथित प्रेमी राज कुशवाहा था। इस जघन्य अपराध की साजिश महीनों पहले रची गई थी और इसमें सोनम ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। जांच में सामने आया है कि हत्या कॉन्ट्रैक्ट किलिंग नहीं, बल्कि एक व्यक्तिगत साजिश थी जिसमें राज ने अपने तीन दोस्तों – विशाल, आनंद और आकाश के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। इनमें से एक आरोपी राज का चचेरा भाई भी है। चार बार रचा गया मर्डर प्लान, तीन बार असफल सोहरा में हुआ क्राइम, सोनम थी मौके पर मौजूद 19 मई को राजा और सोनम कामाख्या देवी मंदिर से दर्शन कर लौट रहे थे। इसी दिन सोनम ने सोहरा में हत्या का फाइनल प्लान बनाया। आरोपियों ने पार्किंग एरिया में राजा की हत्या की और शव को खाई में फेंक दिया। हत्या के समय सोनम वहीं मौजूद थी और आरोपियों की मदद कर रही थी। फरारी की प्लानिंग, झूठी कहानी गढ़ी हत्या के बाद सोनम गुवाहाटी, सिलीगुड़ी, पटना, आरा, लखनऊ होते हुए इंदौर पहुंची। पुलिस को चकमा देने के लिए राज ने सोनम को कहा कि वह अपने परिवार को कॉल कर के ‘किडनैपिंग से बच निकलने’ की कहानी बताए।पुलिस की गिरफ्त में आए पांचों आरोपियों से पूछताछ जारी है। जल्द ही क्राइम सीन का रिक्रिएशन भी किया जाएगा।

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रायपुर में सूदखोर तोमर बंधुओं के आलीशान मकान पर नगर निगम का शिकंजा, फरार आरोपियों की तलाश तेज

रायपुर। शहर के कुख्यात सूदखोर वीरेंद्र और रोहित तोमर पर पुलिस की सख्ती के बाद अब नगर निगम ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। हवाला और अवैध लेन-देन जैसे मामलों में घिरे इन दोनों भाइयों के खिलाफ पुलिस के साथ-साथ नगर निगम भी सक्रिय हो गया है। मंगलवार को निगम की टीम ने उनके महलनुमा निवास पर दबिश देकर भवन की नापजोख शुरू कर दी। यह जांच की जा रही है कि भवन निर्माण नगर निगम की अनुमति और नियमों के तहत हुआ है या नहीं। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक, मकान का नक्शा खंगाला जा रहा है और यह देखा जा रहा है कि कहीं निर्माण नियमों का उल्लंघन तो नहीं हुआ है। बता दें कि यह मकान शहर के सबसे आलीशान बंगलों में से एक माना जाता है। गायब हैं दोनों भाई और उनके गुर्गे वीरेंद्र और रोहित तोमर सूदखोरी, मारपीट और अवैध हथियार रखने जैसे गंभीर मामलों में आरोपित हैं। दोनों पिछले दिनों पुलिस की दबिश के दौरान फरार हो गए थे। जानकारी के अनुसार, दोनों भाइयों के साथ उनके 25 गुर्गे भी लापता हैं। पुलिस को शक है कि इन गुर्गों के नाम पर ही करोड़ों की संपत्ति खरीदी गई है और उन्हीं के खातों से अवैध ट्रांजैक्शन भी किए गए हैं। कर्ज के बदले संपत्ति हड़पने के आरोप पुलिस जांच में सामने आया है कि तोमर बंधुओं ने लोगों को ब्याज पर पैसा देकर, वसूली के वक्त दबाव बनाकर उनकी संपत्तियां अपने या अपने करीबियों के नाम करा लीं। इन कर्मचारियों और गुर्गों के बैंक खातों में भारी मात्रा में पैसों की आवाजाही हुई है। फिलहाल ये सभी लोग फरार हैं और उनके मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ आ रहे हैं। अभेद्य किले जैसा घर बना रखा था तोमर बंधुओं ने अपने निवास को किसी किले की तरह बना रखा था। चारों तरफ हाई-रिज़ोल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। घर में अलग से गार्ड और कर्मचारियों की तैनाती थी, जो हर गतिविधि पर नजर रखते थे। जब पुलिस ने मंगलवार को दबिश दी थी, तब रोहित तोमर घर में ही था, लेकिन दोनों भाइयों ने महिलाओं को ढाल बनाकर पुलिस से समय लिया और इसी दौरान भाग निकले। नेपाल भागने की आशंका, पासपोर्ट भी नहीं मिला पुलिस को संदेह है कि दोनों आरोपी नेपाल भागने की कोशिश में हैं। उनका पासपोर्ट भी अब तक बरामद नहीं हो सका है। पुलिस इनकी लोकेशन ट्रैक करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन आरोपी लगातार अपनी जगह बदल रहे हैं। नगर निगम और पुलिस का साझा अभियान नगर निगम अब इस बात की गहराई से जांच कर रहा है कि क्या यह आलीशान मकान अवैध तरीके से बनाया गया है। दूसरी ओर पुलिस भी आरोपियों के बैंक खाते, संपत्तियां और सहयोगियों की जांच में जुटी है। सूत्रों के अनुसार, यह मामला हवाला, मनी लॉन्ड्रिंग और संपत्ति हड़पने जैसे बड़े आर्थिक अपराध से जुड़ा हो सकता है।

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मेघालय में हनीमून मनाने गए इंदौर के कपल में से पति की घाटी में मिली लाश, पत्नी अब भी लापता – जांच में अपहरण और साजिश की आशंका

इंदौर/शिलॉन्ग। मध्य प्रदेश के इंदौर से हनीमून पर मेघालय पहुंचे एक नवविवाहित जोड़े के गायब होने की रहस्यमयी घटना ने सनसनी फैला दी है। इस कपल में से पति राजा रघुवंशी की लाश एक घाटी में बरामद हो चुकी है, जबकि पत्नी सोनम रघुवंशी का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और इसमें अपहरण तथा अंतरराष्ट्रीय साजिश की आशंका भी जताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, राजा और सोनम रघुवंशी 21 मई को मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग पहुंचे थे और बालादी गेस्ट हाउस में चेक-इन किया। अगले दिन दोनों पूर्वी खासी हिल्स स्थित मावलखियात गांव पहुंचे और वहां ट्रैकिंग के लिए एक स्कूटी किराए पर ली। इसके बाद दोनों एक स्थानीय गाइड के साथ शिपारा होमस्टे तक पहुंचे और वहीं रात गुजारी। 23 मई को गाइड के बिना लौटे – फिर दोनों लापता 23 मई की सुबह कपल शिपारा से बिना गाइड के मावलखियात लौट आया, लेकिन इसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं चला। एक दिन बाद पुलिस को एक लावारिस स्कूटी की सूचना सोहरारिम गांव में मिली, जो जांच में उसी कपल की निकली। गाइड का दावा है कि लौटते समय उसने सोनम और राजा को तीन अज्ञात लोगों के साथ देखा था, जो हिंदी बोल रहे थे। उन्होंने सोनम को पीछे और तीनों पुरुषों को आगे-आगे चलते देखा था। 2 जून को मिली राजा की लाश, सोनम अब भी लापता पुलिस ने तलाशी अभियान में ड्रोन तक का सहारा लिया। 2 जून को वेई सॉडोंग फॉल्स के नीचे घाटी में एक सड़ी-गली लाश बरामद हुई, जो पहचान के बाद राजा रघुवंशी की निकली। फिलहाल सोनम रघुवंशी की तलाश जारी है। बांग्लादेश सीमा से अपहरण की आशंका चूंकि मेघालय की अंतरराष्ट्रीय सीमा बांग्लादेश से लगती है और कई स्थानों पर कोई फेंसिंग नहीं है, ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि सोनम का अपहरण कर उसे सीमा पार ले जाया गया हो सकता है। पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। पुलिस का बयान एसपी ईस्ट खासी हिल्स ने बताया कि मामले की जांच कई एंगल से की जा रही है। “हम टेक्निकल एविडेंस, सीसीटीवी फुटेज, स्थानीय चश्मदीद और फोन रिकॉर्ड्स का विश्लेषण कर रहे हैं। फिलहाल सोनम की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।”

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कोलकाता की फ़ैक्ट्री में बच्चे को शारीरिक यातना देने वाला मालिक मुंबई से गिरफ़्तार, बच्चा अब भी लापता

कोलकाता की एक कपड़ों की फ़ैक्ट्री में 14 वर्षीय बच्चे के साथ शारीरिक प्रताड़ना का मामला सामने आने के बाद फैक्ट्री के मालिक शहंशाह अली को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह कार्रवाई उस वीडियो के वायरल होने के बाद की गई, जिसमें बच्चे को पीटे जाने का दृश्य कैद है। हैरानी की बात यह है कि अब भी वह बच्चा लापता है। कोलकाता पुलिस के अनुसार, अभियुक्त शहंशाह अली को रबिन्द्रनगर थाना की विशेष टीम ने मुंबई से गिरफ्तार किया। महेशतला के एसडीपीओ क़मरुज्ज़मा मोल्ला ने पुष्टि की कि पुलिस उसकी लोकेशन को ट्रैक कर रही थी और जैसे ही वो मुंबई पहुंचे, स्थानीय पुलिस की मदद से उन्हें धर दबोचा गया। इस मामले में पहले ही दो अन्य अभियुक्त – तौहीद आलम और मुस्तफ़ा कमाल – को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिन्हें वायरल वीडियो में देखा जा सकता है। पीड़ित बच्चा पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर ज़िले के इस्लामपुर के छोगोरिया कस्बे का निवासी है। बच्चे के पिता दिल मोहम्मद ने बताया कि आरोपी शहंशाह अली खुद उनके बेटे को एक माह पहले काम के बहाने लेकर गए थे। आरोपी की फैक्ट्री में जींस डाई करने का काम होता है, जहां बच्चे पर मोबाइल चोरी का आरोप लगाया गया था। घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने एनएच-33 पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया और बच्चे को ढूंढ़ने की मांग की। बच्चे के पास कोई मोबाइल न होने की वजह से उसकी तलाश में पुलिस को मुश्किलें आ रही हैं। कोलकाता के रबिन्द्रनगर थाने में एक नई टीम गठित कर बच्चे की खोजबीन जारी है। शहंशाह अली को कोलकाता लाकर रबिन्द्रनगर पुलिस पूछताछ करेगी। इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई हैं – एक कोलकाता में और दूसरी इस्लामपुर के पातागोडा थाने में। यह मामला बाल शोषण, मानवाधिकार उल्लंघन और बाल श्रम के गंभीर सवाल खड़े करता है।

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फर्जी दस्तावेज बनाकर पूर्व पति की संपत्ति बेची, महिला समेत 6 पर FIR दर्ज

रायपुर, छत्तीसगढ़ | 13 मई 2025छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला ने अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपने पूर्व पति की कीमती जमीन को पहले अपने नाम करवाया और फिर उसे बेच डाला। मामले का खुलासा तब हुआ जब जमीन खरीदने वाले व्यक्ति ने नामांतरण के लिए इश्तेहार प्रकाशित कराया। शिकायत के बाद पुलिस ने महिला सहित 6 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है। क्या है पूरा मामला? पुलिस के अनुसार ग्राम डोमा में मिन्हाजुद्दीन और उनके भाई शाहिद मुनीर के नाम पर कुल 0.1120 हेक्टेयर जमीन दर्ज है। शाहिद मुनीर की शादी 1992 में सुलताना बेगम से हुई थी, लेकिन तीन साल बाद 1995 में दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद सुलताना ने एक अन्य व्यक्ति से विवाह कर लिया और शाहिद धार्मिक यात्राओं में व्यस्त हो गए, जिससे उनका संपर्क लगभग खत्म हो गया। इसका फायदा उठाते हुए सुलताना बेगम ने कोर्ट में वाद दायर कर शाहिद की ‘सिविल डेथ’ घोषित कर दी, साथ ही खुद को उनकी संपत्ति की वारिस बताया। इसके बाद उसने पटवारी रिकॉर्ड में अपने नाम से संपत्ति दर्ज करवाई। 15 लाख में बेची गई जमीन, FIR दर्ज संपत्ति अपने नाम होने के बाद सुलताना ने अपने सहयोगियों फैजल शाहिद, खलील अहमद निजामी, अब्दुल जुनैद सिद्दीकी, जीशान सिद्दीकी और मोहम्मद फारूक के साथ मिलकर मठपुरैना निवासी मोती शेख को जमीन 15.12 लाख रुपए में बेच दी। जब खरीदार ने नामांतरण के लिए अखबार में विज्ञापन प्रकाशित किया, तब मूल मालिक मिन्हाजुद्दीन को इसकी जानकारी हुई, जिसके बाद उन्होंने सेजबहार थाने में शिकायत दर्ज कराई। कई धाराओं में मामला दर्ज, एक आरोपी को छोड़ा गया जांच के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ BNS की धाराएं 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2), और 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार एक आरोपी को थाने से छोड़ भी दिया गया, जिससे मामले में नए सवाल खड़े हो रहे हैं। इससे पहले कोटा क्षेत्र में भी इसी तरह का फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था, जिसे सरस्वती नगर पुलिस विवेचना में ले चुकी है।

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रायपुर में 11 लाख रुपये की साइबर ठगी: पुलिस ने दिल्ली से तीन मुख्य आरोपियों को किया गिरफ्तार

रायपुर। राजधानी रायपुर में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है। शेयर ट्रेडिंग और मुनाफे का झांसा देकर ठगों ने एक व्यक्ति से करीब 11 लाख रुपये की ठगी कर ली। पुलिस ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत दिल्ली से तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, प्रार्थी डॉ. प्रकाश गुप्ता ने आमनाका थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि शेयर ट्रेडिंग में अधिक लाभ का झांसा देकर उनके साथ धोखाधड़ी की गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जांच के दौरान, पुलिस ने पहले ही चार आरोपियों- पवन सिंह, गगनदीप शर्मा, राजवीर सिंह और संदीप रात्रा को गिरफ्तार कर लिया था। आगे की कार्रवाई में एक विशेष पुलिस टीम को दिल्ली भेजा गया। वहां तीन अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर मुख्य आरोपी हिमांशु तनेजा (29 वर्ष), गणेश कुमार (37 वर्ष) और अंकुश (26 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। छापेमारी के दौरान, पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड, कंप्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर और साइबर अपराध से अर्जित रकम से खरीदी गई संपत्तियों की जानकारी भी जब्त की। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे फर्जी कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खोलते थे और फॉरेक्स ट्रेडिंग के माध्यम से रकम को विदेश भेजते थे। बाद में उस रकम को पुनः प्राप्त कर लेते थे। फिलहाल पुलिस आरोपियों से जब्त संपत्तियों के दस्तावेजों को कब्जे में लेकर संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई कर रही है। पुलिस का कहना है कि ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत इस तरह की साइबर ठगी के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

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गुरुग्राम: अस्पताल में इलाज के दौरान महिला के यौन उत्पीड़न का मामला, अभियुक्त टेक्नीशियन गिरफ़्तार

गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न के मामले में पुलिस ने अस्पताल के टेक्नीशियन को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना 14 अप्रैल को सामने आई थी। 📝 घटना का विवरण: पीड़िता ने 14 अप्रैल को गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इलाज के दौरान एक प्राइवेट अस्पताल में उनका यौन उत्पीड़न किया गया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर त्वरित जांच शुरू कर दी। 🔍 जांच और गिरफ्तारी: मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी ने 800 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच की और अस्पताल के कई स्टाफ सदस्यों से पूछताछ की। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने 25 वर्षीय दीपक को आरोपी के रूप में चिन्हित किया, जो पिछले 5 महीनों से अस्पताल में मशीन टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत था। पुलिस ने 18 अप्रैल को दीपक को गिरफ्तार कर लिया। 🧾 पुलिस का बयान: पुलिस के अनुसार, पूछताछ में अभियुक्त ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी है और मामले में आगे की जांच जारी है। पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट और अन्य तकनीकी साक्ष्य भी जांच का हिस्सा हैं। 📌 मुख्य तथ्य (संक्षेप में): कार्रवाई: आगे की जांच जारी की पहचान गुप्त रखी जा रही है। कानून के तहत सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। घटना: महिला का इलाज के दौरान यौन उत्पीड़न तारीख: 14 अप्रैल को शिकायत दर्ज आरोपी: दीपक (25 वर्ष), हॉस्पिटल टेक्नीशियन गिरफ्तारी: 18 अप्रैल जांच एजेंसी: एसआईटी द्वारा जांच

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Cyber Fraud: साइबर ठगों को किराए पर दे रखे थे बैंक खाते, तीन आरोपी गिरफ्तार

सुरजपुर, छत्तीसगढ़ | 18 अप्रैल 2025सुरजपुर जिले में साइबर ठगी से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां ऑनलाइन ठगों को बैंक खाते किराए पर देने के आरोप में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों पर ठगी के पैसों के लेन-देन के लिए अपने और ग्रामीणों के बैंक खाते किराए पर देने का आरोप है। 🔍 500 से अधिक बैंक खातों से ट्रांजैक्शन की जांच पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि 500 से अधिक बैंक खातों का उपयोग कर झारखंड और कोलकाता जैसे अन्य राज्यों में ट्रांजैक्शन किया गया है। यह पूरे प्रदेश के लिए बड़ी साइबर चुनौती मानी जा रही है। 🧾 पूछताछ में बड़ा खुलासा जांच के दौरान चंद्रदेव पैकरा ने पुलिस को बताया कि उसका एक्सिस बैंक में खाता है, जिसे उसने कमलेश्वर सिंह के कहने पर 300 रुपये प्रतिमाह के किराए पर दे दिया था। बदले में उसे 1500 रुपये मिले। कमलेश्वर सिंह ने खुलासा किया कि उसने अपने सहित 8 बैंक खातों को किराए पर देकर हर महीने सेविंग अकाउंट के लिए 1000 रुपये और करंट अकाउंट के लिए 2000 रुपये तक कमाए। इन खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी से मिली रकम ट्रांसफर करने के लिए किया गया। 🧑‍⚖️ आरोपी और धाराएं तीनों आरोपियों पर धारा 413, 420, 120B IPC, तथा BNS की धारा 317(4), 318(2) और 61(2)(A) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपी हैं: 📂 जब्ती और पुलिस टीम की कार्रवाई पुलिस ने आरोपियों के पास से पासबुक, एटीएम कार्ड और चेकबुक जब्त किए हैं। इस कार्रवाई में थाना प्रभारी अलरिक लकड़ा, एएसआई अविनाश सिंह, प्रधान आरक्षक नवीन सिंह, आरक्षक जय प्रकाश यादव, आसिफ अख्तर, योगेश्वर पैकरा, मनोज शर्मा, कृष्णा सिंह व प्यारे लाल राजवाड़े सक्रिय रहे। 🔎 आगे की कार्रवाई पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यह अंतरराज्यीय साइबर ठगी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। “गांव के भोले-भाले लोगों को लालच देकर उनके खातों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी,” – पुलिस अधिकारी।

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छत्तीसगढ़ के 12 ट्रकों में फर्जी नंबर प्लेट लगाकर 2 करोड़ की ठगी, दो साल से फरार आरोपी गिरफ्तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ट्रकों की फर्जी खरीदी-बिक्री और नकली दस्तावेजों के जरिए करोड़ों की ठगी करने वाले एक आरोपी को पुलिस ने दो साल बाद गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़ी एक बड़ी धोखाधड़ी का है, जिसमें आरोपी ने बिहार से खरीदे गए ट्रकों पर छत्तीसगढ़ के नंबर प्लेट और फर्जी दस्तावेज लगाकर ठगी की थी। बिहार के ट्रक, छत्तीसगढ़ की नंबर प्लेट आरोपी राजेश यदु ने बिहार से 12 सेकंड हैंड ट्रक खरीदकर जगदीश प्रसाद सिंघानिया को बेचे थे। इन सभी ट्रकों की कीमत 17.5 लाख रुपये प्रति ट्रक तय की गई थी और कुल 2 करोड़ 8 लाख रुपये का लेन-देन हुआ था। हालांकि, इन ट्रकों पर छत्तीसगढ़ के फर्जी नंबर प्लेट और नकली दस्तावेज लगाए गए थे, जबकि वे बिहार में रजिस्टर्ड थे। फर्जी दस्तावेज और नंबर प्लेट से हुआ सौदा जांच में सामने आया कि ट्रक बेचने की यह साजिश केवल राजेश यदु तक सीमित नहीं थी। उसके साथ मीठू कुमार, धनेश्वरी चौधरी, मृणाल सिंह और अन्य लोग भी शामिल थे। इन सभी ने मिलकर एक संगठित तरीके से ट्रकों के फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर धोखाधड़ी की। बिहार पुलिस की जांच से हुआ खुलासा इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में ट्रक चोरी की जांच करते हुए पुलिस रायपुर पहुंची। वहीं से इस मामले की परतें खुलती चली गईं। रायपुर के खमतराई थाना में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का मामला दर्ज किया गया। दो साल से फरार था आरोपी पुलिस की जांच में पहले भी कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन मास्टरमाइंड राजेश यदु फरार था। हाल ही में खमतराई पुलिस को राजेश के छिपे होने की सूचना मिली, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। परिवहन विभाग पर भी उठे सवाल इस केस में परिवहन विभाग की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। जिस तरह से बिहार के ट्रकों को छत्तीसगढ़ के नाम से फर्जी रजिस्ट्रेशन मिला, वह प्रशासनिक लापरवाही या मिलीभगत की ओर इशारा करता है। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा में भीषण सड़क हादसा, बाइक सवार तीन युवकों की दर्दनाक मौत

सरगुजा (छत्तीसगढ़): सरगुजा जिले में एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा सामने आया है। अंबिकापुर-रायगढ़ नेशनल हाईवे क्रमांक-43 पर स्थित काराबेल पुलिया पर एक तेज़ रफ्तार कार ने बाइक सवार तीन युवकों को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि दो युवक पुल पर ही कुछ मीटर की दूरी पर जा गिरे, जबकि तीसरा युवक पुलिया से नीचे पुरानी सड़क पर जा गिरा। यह हादसा सीतापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत रविवार की सुबह हुआ, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार की रफ्तार इतनी तेज थी कि बाइक के परखच्चे उड़ गए और युवक मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी। सूत्रों के अनुसार, मृतक युवक स्थानीय निवासी थे और कहीं काम से लौट रहे थे। फिलहाल पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया है और कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। यह हादसा एक बार फिर से तेज रफ्तार वाहनों की वजह से हो रही मौतों की भयावह सच्चाई को उजागर करता है। प्रशासन से अपील है कि इस मार्ग पर सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाए।

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