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यूक्रेन-रूस जंग: शांति वार्ता में पुतिन की भागीदारी पर क्रेमलिन ने दी सफाई, प्रतिनिधिमंडल की कमान मेडिंस्की को सौंपी

इस्तांबुल | 15 मई 2025यूक्रेन और रूस के बीच तुर्की के इस्तांबुल में प्रस्तावित शांति वार्ता को लेकर एक बार फिर अनिश्चितता का माहौल बन गया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को वार्ता में शामिल होने की अपील के बावजूद क्रेमलिन ने स्पष्ट किया है कि पुतिन वार्ता में प्रत्यक्ष रूप से भाग नहीं लेंगे। पुतिन नहीं, प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे मेडिंस्की रूस की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वार्ता में पुतिन के स्थान पर उनके करीबी और वरिष्ठ राजनयिक व्लादिमीर मेडिंस्की रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। इससे स्पष्ट हो गया है कि पुतिन इस दौर की वार्ता में शामिल नहीं होंगे। ज़ेलेंस्की ने जताई थी मुलाकात की इच्छा इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बयान दिया था कि अगर पुतिन वार्ता में शामिल होते हैं, तो वे व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि “अगर राष्ट्रपति पुतिन वार्ता में आते हैं, तो मैं हर संभव प्रयास करूंगा उनसे सीधे मिलने का।” ट्रंप भी वार्ता से रहेंगे बाहर मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस वार्ता में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, पहले उन्होंने संकेत दिया था कि यदि पुतिन भाग लेते, तो वे भी बैठक में हिस्सा ले सकते थे। वार्ता की पृष्ठभूमि यूक्रेन-रूस युद्ध को दो साल से अधिक हो चुके हैं और अब तक हजारों लोग जान गंवा चुके हैं। तुर्की की ओर से प्रस्तावित इस वार्ता को संघर्ष विराम और स्थायी समाधान की दिशा में एक अहम क़दम माना जा रहा था, लेकिन पुतिन और ट्रंप दोनों के अनुपस्थित रहने से इस बैठक की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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कतर से 400 मिलियन डॉलर का लग्जरी गिफ्ट मिलने पर बोले डोनाल्ड ट्रंप- “मुफ्त को सिर्फ मूर्ख ही ठुकराता है”

वॉशिंगटन/दोहा | 14 मई 2025अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने बयान से हलचल मचा दी है। इस बार मामला है कतर की ओर से मिलने वाले 400 मिलियन डॉलर के लग्जरी बोइंग 747-8 जंबो जेट का। ट्रंप के अनुसार, यह विमान उन्हें नहीं बल्कि अमेरिकी रक्षा विभाग (Pentagon) को उपहार स्वरूप मिल रहा है, और ऐसे गिफ्ट को ठुकराना केवल “मूर्खता” होगी। ट्रंप ने क्यों कहा- “मुफ्त को मूर्ख ही ठुकराता है” ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए लिखा, “बोइंग 747 संयुक्त राज्य वायु सेना को दिया जा रहा है, न कि मुझे! यह कतर जैसे देश का उपहार है, जिसने वर्षों से अमेरिका की सुरक्षा और समर्थन प्राप्त किया है। जब यह मुफ्त में मिल रहा है, तो टैक्सपेयर का पैसा क्यों खर्च करें?” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक नए एयर फोर्स वन विमान की डिलीवरी नहीं हो जाती, तब तक यह जंबो जेट अस्थायी तौर पर एयर फोर्स वन की भूमिका निभाएगा। इस जेट में क्या है खास यह विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया बोइंग 747-8 जंबो जेट कई शानदार सुविधाओं से लैस है, जिनमें शामिल हैं: ट्रंप का एयर फोर्स वन पर कटाक्ष फॉक्स न्यूज से बातचीत में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का मौजूदा एयर फोर्स वन (बोइंग 747-200B) अब “छोटा और कम प्रभावशाली” लगने लगा है। उन्होंने कहा, “जब आप सऊदी, UAE और कतर के विमानों को देखते हैं, तो लगता है कि हमारे पास इससे कहीं बेहतर होना चाहिए। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है और हमारे पास सबसे प्रभावशाली विमान होना ही चाहिए।”

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पाकिस्तान ने माना: भारत के हमलों में स्क्वाड्रन लीडर समेत 11 जवानों की मौत

इस्लामाबाद/नई दिल्ली — भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य टकराव के दौरान पाकिस्तान ने अपने नुकसान की आधिकारिक पुष्टि की है। पाकिस्तान की सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि भारत के साथ संघर्ष में पाकिस्तान एयरफोर्स के एक स्क्वाड्रन लीडर समेत 11 जवान मारे गए हैं। बयान के मुताबिक, 10 मई को भारतीय हमलों में वायु सेना के 5 जवान और सेना के 6 अन्य सैन्यकर्मी मारे गए। इससे पहले 6-7 मई की रात भारत द्वारा किए गए हमलों में सात महिलाओं और 15 बच्चों समेत 40 नागरिकों की मौत हो गई थी, जबकि 121 लोग घायल हुए, जिनमें 10 महिलाएं और 27 बच्चे शामिल हैं। चार दिन चला संघर्ष, अब युद्धविराम लगभग चार दिनों तक चला भारत-पाकिस्तान संघर्ष शनिवार को संघर्षविराम (सीज़फायर) की घोषणा के साथ समाप्त हुआ। भारत और पाकिस्तान दोनों ने बातचीत के जरिए तनाव कम करने की दिशा में पहल की है। इस बीच, भारत की ओर से सीआईएसएफ़ मुख्यालय ने सोमवार को बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत के आठ सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। हालिया घटनाक्रम से यह साफ है कि संघर्ष में दोनों देशों को सैन्य और नागरिक दोनों स्तरों पर भारी क्षति हुई है, हालांकि अब युद्धविराम की घोषणा के बाद कूटनीतिक प्रयास तेज़ हो गए हैं।

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ज़ेलेंस्की ने कहा- पुतिन से सीधी बातचीत को तैयार, गुरुवार को तुर्की में करेंगे इंतज़ार

कीव/इस्तांबुल – यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सीधी बातचीत की पेशकश करते हुए कहा है कि वह गुरुवार को तुर्की के इस्तांबुल में पुतिन से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए तैयार हैं। ज़ेलेंस्की ने कहा कि अब और जानें गंवाने का कोई मतलब नहीं है और युद्ध को समाप्त करने के लिए यह एक अहम अवसर हो सकता है। यह बयान ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस सुझाव के बाद दिया, जिसमें ट्रंप ने यूक्रेन से रूस के साथ तुर्की में सीधी बातचीत को स्वीकार करने की अपील की थी। बातचीत की शर्त- पहले सीज़फ़ायर ज़ेलेंस्की ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यूक्रेन, रूस से बातचीत को तभी तैयार है जब पहले संघर्षविराम (सीज़फ़ायर) लागू हो। उन्होंने लिखा, “मैं गुरुवार को इस्तांबुल में पुतिन का इंतज़ार करूंगा। खुद।” ट्रंप का दबाव और पुतिन का न्योता ट्रंप ने रविवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि बातचीत शुरू की जानी चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्या कोई शांति समझौता संभव है या नहीं। उन्होंने कहा, “अगर समझौता नहीं हो सकता तो अमेरिका और यूरोप को अगली रणनीति के लिए स्पष्टता मिल जाएगी।” इससे पहले, शनिवार रात रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी यूक्रेन को “गंभीर बातचीत” के लिए आमंत्रित किया था। ग़ौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध फरवरी 2022 से जारी है, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। इस युद्ध में लाखों लोग विस्थापित हुए और हजारों की जान गई है।

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भारत-पाक तनाव पर अमेरिका सक्रिय, जयशंकर और पाक सेना प्रमुख से की बात – तनाव कम करने की अपील

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका कूटनीतिक रूप से सक्रिय हो गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से बातचीत की है। इस बातचीत का उद्देश्य क्षेत्र में शांति बनाए रखना और संभावित टकराव को टालना बताया गया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बातचीत की जानकारी अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर साझा करते हुए कहा, “आज सुबह अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बातचीत हुई। भारत का रुख़ हमेशा संयमित और ज़िम्मेदार रहा है और आगे भी ऐसा ही रहेगा।” अमेरिका ने जारी किया बयान अमेरिका की ओर से भी आधिकारिक बयान जारी किया गया है जिसमें बताया गया कि “विदेश मंत्री रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से तनाव कम करने और आपसी संवाद के रास्ते खोजने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच भविष्य में किसी विवाद से बचने के लिए संवाद का माध्यम बनने को तैयार है।” पाक सेना प्रमुख से भी बात इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से भी बात की। अमेरिकी बयान में कहा गया, “विदेश मंत्री रुबियो ने दोनों पक्षों से तनाव कम करने के रास्ते तलाशने की अपील की और किसी भी संभावित संघर्ष से बचने के लिए अमेरिका की ओर से मध्यस्थता की पेशकश की।” यह पहल ऐसे समय पर आई है जब भारत-पाक सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस पर नजर बनाए हुए है। अमेरिका की यह पहल दक्षिण एशिया में स्थिरता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक प्रयास माना जा रहा है।

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रावलपिंडी स्टेडियम पर ड्रोन हमला, पाकिस्तान सुपर लीग मैच से कुछ घंटे पहले मचा हड़कंप

पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) के अंतर्गत रावलपिंडी में आज रात 8 बजे होने वाले पेशावर ज़ल्मी और कराची किंग्स के बीच क्रिकेट मैच से कुछ घंटे पहले, रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम पर ड्रोन हमला हुआ। सूत्रों के अनुसार, हमले में स्टेडियम का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। कुछ ही घंटे पहले पाकिस्तान ने भारत के 15 सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने लाहौर में पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की HQ-9 मिसाइल डिफेंस यूनिट्स, जो चीन द्वारा विकसित की गई हैं, को इज़रायली निर्मित हारोप ड्रोन द्वारा निशाना बनाया गया। इसका असर यह हुआ कि लाहौर में पाकिस्तानी सेना की रक्षा प्रणाली पूरी तरह निष्क्रिय हो गई। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि लाहौर, गुजरांवाला, चकवाल, बहावलपुर, मियानो, कराची, छोर, रावलपिंडी और अटॉक में कई ड्रोन हमले को निष्क्रिय किया गया। भारतीय सेना ने भी बयान में कहा, “भारत की प्रतिक्रिया उसी स्तर और तीव्रता की थी जैसी पाकिस्तान की थी।” नियंत्रण रेखा (LoC) पर भी पाकिस्तान की ओर से बिना उकसावे के गोलीबारी की घटनाएं बढ़ी हैं, विशेष रूप से कुपवाड़ा, बारामुला, उरी, पुंछ, मेंधर और राजौरी क्षेत्रों में। इससे पहले, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी शिविरों पर प्रिसिजन स्ट्राइक कर 100 आतंकवादियों को ढेर किया था। इन शिविरों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे प्रतिबंधित संगठनों के ठिकाने शामिल थे।

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पाकिस्तान पर बढ़े तनाव का असर: इन अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस ने उड़ानें कीं रद्द

नई दिल्ली/दोहा/पेरिस:भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के आंशिक बंद होने के चलते कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस ने पाकिस्तान जाने या वहां से होकर गुजरने वाली उड़ानों को अस्थायी रूप से रद्द कर दिया है। कतर एयरवेज़ का फैसला कतर एयरवेज़ ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए कहा: “पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण कुछ उड़ानें अस्थायी रूप से निलंबित की गई हैं। हम स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और यात्रियों तथा क्रू की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं।” कतर एयरवेज़ ने यात्रियों को अपनी वेबसाइट पर जाकर अपडेटेड फ्लाइट स्टेटस देखने की सलाह दी है। एयर फ्रांस और लुफ्थांसा ने भी उठाया कदम एयर फ्रांस ने CNN को दिए बयान में कहा कि वह पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से होकर उड़ानें रद्द कर रहा है और कुछ रूट्स में बदलाव कर रहा है। वहीं, जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा ने रॉयटर्स को बताया: “हम अगले आदेश तक पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से होकर उड़ान नहीं भरेंगे।” पाकिस्तान ने क्या किया? पाकिस्तान के लाहौर और कराची जैसे प्रमुख शहरों को कवर करने वाले हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। यह कदम भारत द्वारा हाल ही में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद उठाया गया है, जिसमें भारत ने PoK और पाकिस्तान में आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था।

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India Pakistan Tension: असीम मुनीर की गीदड़भभकी, पाक ने उजागर किया अपना प्लान

इस्लामाबाद/नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहरीला बयान दिया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पहले भी मुनीर ने भड़काऊ बयान दिया था और अब एक बार फिर पाकिस्तान ने अपने इरादों और रणनीति को खुद ही उजागर कर दिया है। पाक सेना प्रमुख की धमकी पाकिस्तान आर्मी के बयान के अनुसार, जनरल असीम मुनीर ने जीएचक्यू में आयोजित 15वीं राष्ट्रीय कार्यशाला बलूचिस्तान के प्रतिभागियों से बातचीत के दौरान कहा, “अगर पाकिस्तान की संप्रभुता या क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती दी जाती है, तो हम अपनी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा और नागरिकों की भलाई के लिए पूरी ताकत से जवाब देंगे।” मुनीर के इस बयान से यह साफ है कि पाकिस्तान लगातार तनाव को बढ़ावा देने वाली रणनीति पर काम कर रहा है। बलूच आंदोलन पर भी दिए तीखे बयान मुनीर ने बलूच आंदोलन को निशाने पर लेते हुए कहा कि, “बलूच पहचान के नाम पर आतंक फैलाने वाले संगठन पाकिस्तान की राष्ट्रीय एकता और बलूच सम्मान पर धब्बा हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी, और इसे किसी भी धर्म, नस्ल या संप्रदाय से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। पहले भी उगला था भारत के खिलाफ ज़हर पहलगाम आतंकी हमले से पहले मुनीर ने इस्लामाबाद में एक सार्वजनिक मंच से कहा था कि, “हम हिंदुओं से हर तरह से अलग हैं — हमारा धर्म, रीतियां, विचार और महत्वाकांक्षाएं सभी भिन्न हैं। कश्मीर पाकिस्तान की रगों का हिस्सा है।” इस बयान के बाद पाकिस्तान का दोहरा चेहरा एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर हो गया — एक ओर शांति की बात और दूसरी ओर उकसावे की भाषा।

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श्रीलंका में पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ विरोध, पाकिस्तानी उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन

कोलंबो: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के खिलाफ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विरोध शुरू हो गया है। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में तमिल समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के राज्य प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ नारेबाज़ी करते हुए पाकिस्तानी उच्चायोग को घेर लिया। 🔴 क्या हुआ था पहलगाम में? 22 अप्रैल को कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम के पास बैसरन इलाके में आतंकियों ने अचानक गोलीबारी कर दी। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। बताया गया कि आतंकियों ने पर्यटकों से धर्म पूछकर गोली मारी, जिससे पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई। 📍 श्रीलंका में क्यों हुआ विरोध? श्रीलंका में रहने वाले अल्पसंख्यक तमिल समुदाय की राजनीतिक संस्था ‘अवर जेनरेशन पार्टी’ ने इस हमले को मानवता के खिलाफ करार देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी “पाकिस्तान राज्य प्रायोजित आतंकवाद बंद करे” जैसी तख्तियां लेकर कोलंबो स्थित पाक उच्चायोग के सामने जमा हुए। ✊ सियासी ऐलान भी ‘अवर जेनरेशन पार्टी’ के अध्यक्ष सिदम्बरम करुणानिधि ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “हम जल्द ही एक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल बनकर सभी आगामी चुनाव लड़ेंगे और आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ उठाते रहेंगे।”

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🇨🇦 चुनाव जीत के बाद ट्रंप पर बरसे कनाडा के PM मार्क कार्नी

बोले: “अमेरिका हमारी ज़मीन, पानी और देश चाहता है” टोरंटो | 29 अप्रैल 2025कनाडा में लिबरल पार्टी की बड़ी जीत के बाद प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर खुलकर हमला बोला है। कार्नी ने कहा कि ट्रंप कनाडा को तोड़कर अमेरिका में शामिल करना चाहते हैं। 👉 क्या बोले पीएम मार्क कार्नी? 🔥 ट्रंप के बयानों से कैसे बदला चुनावी माहौल? विश्लेषकों का कहना है कि: 🤝 विपक्षी नेता ने मानी हार कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलिवरे ने हार स्वीकार करते हुए कहा: “मैं कनाडा के लिए लड़ता रहूंगा, और जनता का फैसला सिर माथे पर है।” 📌 निष्कर्ष: ट्रंप के बयानों ने जहां कनाडा में आक्रोश पैदा किया, वहीं पीएम कार्नी ने चुनावी नतीजों को राष्ट्रवाद की जीत बताया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि दोनों देशों के रिश्ते आगे क्या मोड़ लेते हैं।

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