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Israel-Iran Conflict: ईरान और इजराइल में रहने वाले भारतीयों के लिए एडवाइजरी, सरकार ने जारी किए सुरक्षा निर्देश

नई दिल्ली। इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने और ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ की शुरुआत के बाद दोनों देशों में हालात युद्ध जैसे बनते जा रहे हैं। ऐसे में भारत सरकार ने ईरान और इजराइल में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। भारतीय दूतावास ने नागरिकों को गैर जरूरी यात्रा से बचने, सतर्क रहने और स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है। यह एडवाइजरी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) के जरिए साझा की गई है। ईरान में भारतीयों को क्या करना चाहिए? भारतीय दूतावास ने ईरान में रह रहे सभी नागरिकों से अपील की है कि वे: इजराइल में भी अलर्ट मोड पर भारतीय दूतावास ईरान की तरफ़ से संभावित जवाबी हमले की चेतावनी के बीच इजराइल में रह रहे भारतीयों के लिए भी सावधानी बरतने की एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सभी भारतीय: ईरान पर इजराइल का बड़ा हमला इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को जानकारी दी कि “ईरान के नतांज सहित कई प्रमुख परमाणु संवर्धन केंद्रों को टारगेट किया गया है।”इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) के प्रवक्ता बीजी एफी ड्रोफिन ने कहा कि यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने और क्षेत्र में ईरानी आक्रामकता का जवाब देने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि, “ईरान परमाणु बम बनाने के बेहद करीब था, और IDF द्वारा की गई यह कार्रवाई सटीक सैन्य हमलों के ज़रिए उसे पीछे धकेलने की रणनीति है।”

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अहमदाबाद विमान हादसे वाली जगह पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सिविल अस्पताल में घायलों से की मुलाकात

अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अहमदाबाद में उस दुर्घटनास्थल पर पहुंचे जहां गुरुवार को एयर इंडिया का एक यात्री विमान हादसे का शिकार हो गया था। लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद विमान रिहायशी इलाके में गिर गया था, जिससे भारी जान-माल का नुकसान हुआ। प्रधानमंत्री ने दुर्घटनास्थल का जायज़ा लेने के बाद अहमदाबाद सिविल अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। इस दौरान उनके साथ राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी और डॉक्टर मौजूद रहे। एयर इंडिया की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य शामिल थे। दुखद रूप से, 241 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। भारतीय मूल का एक ब्रिटिश नागरिक इस हादसे में चमत्कारी रूप से बच गया है और उसका इलाज अस्पताल में जारी है। इस भयावह हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी जान चली गई। हादसे की ख़बर मिलते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। घटना के बाद गृह मंत्री अमित शाह भी अहमदाबाद पहुंचे और बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा, “लगभग सभी शवों को बाहर निकाला जा चुका है। विमान में सवा लाख लीटर ईंधन होने के कारण आग की तीव्रता बेहद अधिक थी, जिससे किसी को बचा पाना असंभव हो गया था।” सरकार ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। फिलहाल, NDRF और स्थानीय एजेंसियां मौके पर राहत और पुनर्वास कार्यों में जुटी हैं।

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भारत में कोविड-19 के एक्टिव केस 5 हज़ार पार, केरल में सबसे ज़्यादा संक्रमित

भारत में एक बार फिर से कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 5,364 तक पहुंच गई है। इनमें से सबसे अधिक मामले केरल से सामने आए हैं। केरल में इस समय 1,679 एक्टिव केस दर्ज किए गए हैं, जो देश में सबसे ज़्यादा हैं। इसके बाद गुजरात में 615, पश्चिम बंगाल में 596 और दिल्ली में 592 एक्टिव केस हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, मामले भले कम प्रतीत हो रहे हों लेकिन लगातार बढ़ती संख्या चिंता का कारण बन सकती है। मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक कोविड-19 से कुल 55 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। सरकार ने लोगों से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने की अपील की है। राज्यों को अलर्ट पर रखा गया है और अस्पतालों में तैयारियों की समीक्षा की जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।

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राज ठाकरे के साथ गठबंधन पर बोले उद्धव ठाकरे: “हम कोई संदेश नहीं, सीधी खबर देंगे”

राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के साथ संभावित गठबंधन को लेकर उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार (6 जून) को बड़ा बयान दिया। शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “हमारे और हमारे शिवसैनिकों के दिल में कोई भ्रम नहीं है। उनके (राज ठाकरे) मन में भी कोई भ्रम नहीं है। हम कोई संदेश नहीं देंगे, सीधी खबर देंगे।” इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर गर्मी आ गई है। लंबे समय से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि ठाकरे बंधु एक बार फिर साथ आ सकते हैं, खासकर आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनज़र। एमएनएस के नेताओं का भी इस पर बयान आया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अविनाश देशपांडे ने कहा कि ऐसे मुद्दों पर कैमरे पर बात नहीं की जाती। उन्होंने बताया कि 2014 और 2017 में भी ऐसे प्रस्ताव आए थे, लेकिन अब यदि कोई ठोस प्रस्ताव सामने आता है तो उस पर राज ठाकरे निर्णय लेंगे। देशपांडे ने कहा कि “उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हम सीधी खबर देंगे, तो अब हम इंतजार करेंगे कि वो खबर क्या होगी।” माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में जल्द ही स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा हो सकती है, और इसी को देखते हुए विभिन्न दल गठबंधन की संभावनाएं टटोल रहे हैं। चर्चा यह भी है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी भी राज ठाकरे के साथ गठबंधन की कोशिश कर रही है। अब देखना होगा कि ठाकरे बंधु फिर एक मंच पर आते हैं या नहीं।

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आरबीआई ने ब्याज दर में की कटौती, रेपो रेट घटाकर 5.5% किया गया

भारतीय रिज़र्व बैंक के गर्वनर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ब्याज दरों में कटौती का एलान किया है। उन्होंने बताया कि लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) के तहत पॉलिसी रेपो रेट को 0.50 बेसिस पॉइंट घटाकर 5.5% कर दिया गया है। यह फैसला तुरंत प्रभाव से लागू होगा। इसके साथ ही स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) की दर को घटाकर 5.25% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) व बैंक रेट को घटाकर 5.75% कर दिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने यह भी बताया कि यह इस साल की तीसरी रेपो रेट कटौती है। इससे पहले फरवरी और अप्रैल में भी रेपो रेट में कमी की गई थी। मौद्रिक नीति समिति ने यह फैसला देश की आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देने और महंगाई को नियंत्रण में रखने के उद्देश्य से लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कटौती से होम लोन, कार लोन और अन्य ऋणों की ब्याज दरों में राहत मिल सकती है, जिससे आम उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ कुछ कम हो सकता है।

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उज्जैन: महाकाल मंदिर मार्ग पर बेगम बाग में बुलडोजर एक्शन, विरोध के बीच कई मकानों को निशाना बनाया गया

उज्जैन (मध्य प्रदेश)।धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर मार्ग पर अवैध निर्माण के खिलाफ शुक्रवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलवाया।उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) ने नगर निगम और पुलिस बल के साथ मिलकर बेगम बाग क्षेत्र में तीन व्यावसायिक भवनों को ध्वस्त कर दिया। क्या है मामला? प्राधिकरण के मुताबिक ये सभी निर्माण UDA द्वारा पारित मानकों का उल्लंघन करते हुए किए गए थे। UDA अधिकारी का बयान UDA के CEO संदीप सोनी ने बताया: “यह क्षेत्र उज्जैन विकास प्राधिकरण की योजना का हिस्सा है। हमने इन संपत्तियों को डेढ़ साल पहले नोटिस दिया था और सितंबर 2024 में अंतिम आदेश भी पारित किया गया था।” उन्होंने कहा कि अब तक 28 से ज्यादा लीज निरस्त की जा चुकी हैं और आगे 50 और भूखंडों पर कार्रवाई की योजना है। महाकाल मंदिर मार्ग को चौड़ा करने की तैयारी बेगम बाग मार्ग वह रास्ता है जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर तक पहुंचते हैं।इस रास्ते को चौड़ा करने की योजना के तहत प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। स्थानीय लोगों का विरोध प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान स्थानीय निवासियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।लोगों का आरोप है कि उन्हें सुनवाई का पर्याप्त अवसर नहीं मिला और बिना पुनर्वास योजना के कार्रवाई की जा रही है। हालांकि प्राधिकरण का कहना है कि यह अतिक्रमण हटाने का वैध और कानूनी कदम है। न्यायिक प्रक्रिया और कार्रवाई निष्कर्ष महाकालेश्वर मंदिर मार्ग पर अवैध निर्माणों के खिलाफ प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई ने एक ओर जहां शहर को व्यवस्थित और नियोजित रूप देने की दिशा में कदम उठाया है, वहीं स्थानीय विरोध और पुनर्वास की कमी प्रशासन के सामने चुनौती बनकर खड़ी हो रही है।आगामी दिनों में अन्य 50 भूखंडों पर भी इसी तरह की कार्रवाई होने की संभावना है।

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ख़राब मौसम में पाकिस्तान ने नहीं दी हवाई क्षेत्र प्रयोग की अनुमति : डीजीसीए

नई दिल्ली। भारत के नागरिक विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए बताया कि इंडिगो एयरलाइंस की एक उड़ान को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली, जबकि विमान खराब मौसम में भीषण एयर टर्बुलेंस का सामना कर रहा था। क्या है मामला? यह घटना 21 मई की है, जब दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो फ्लाइट संख्या 6E-2142 ने पठानकोट के पास अचानक खराब मौसम का सामना किया। विमान में 227 यात्री सवार थे। खराब मौसम को देखते हुए पायलट ने लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क कर पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का प्रयोग करने की अनुमति मांगी, लेकिन उसे स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया गया। श्रीनगर में सुरक्षित लैंडिंग डीजीसीए के अनुसार, पायलट और केबिन क्रू ने सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए खराब मौसम के बावजूद विमान को सुरक्षित श्रीनगर हवाई अड्डे पर उतार दिया। हालांकि, विमान के आगे के हिस्से (नोज रेडोम) को नुकसान पहुंचा है, लेकिन किसी भी यात्री को कोई चोट नहीं आई है। डीजीसीए का बयान डीजीसीए ने इस घटना पर बयान जारी करते हुए कहा: “इंडिगो विमान 6E-2142 जब पठानकोट के पास उड़ान भर रहा था, उस समय उसे गंभीर टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। चालक दल ने पास के एयरस्पेस से मदद मांगी लेकिन पाकिस्तान की ओर से अनुमति नहीं दी गई। विमान को सुरक्षित श्रीनगर उतार लिया गया और सभी यात्री सुरक्षित हैं।” क्या है ‘नोज रेडोम’ और क्यों हुआ नुकसान? नोज रेडोम (Nose Radome) विमान के अगले हिस्से पर स्थित एक कवच होता है, जो रेडार और नेविगेशन सिस्टम को सुरक्षित रखता है। तेज हवा, बर्फ़ या बिजली से इस हिस्से को नुकसान हो सकता है। DGCA के अनुसार, एयर टर्बुलेंस के कारण ही इस हिस्से में क्षति हुई। अंतरराष्ट्रीय नियमों का सवाल भारत के नागरिक उड्डयन विशेषज्ञों ने इस बात पर चिंता जताई है कि खराब मौसम जैसी आपात स्थिति में भी पाकिस्तान ने एयरस्पेस की अनुमति नहीं दी, जो कि इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के ह्यूमेनिटेरियन सिद्धांतों के खिलाफ है। इंडिगो और डीजीसीए की अगली कार्रवाई इंडिगो ने घटना की जांच शुरू कर दी है और डीजीसीए ने तकनीकी निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। विमान के नोज रेडोम की मरम्मत की जा रही है और यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी गई। निष्कर्ष यह घटना ना सिर्फ एक तकनीकी चुनौती थी, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय हवाई मार्गों की मानवीय जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े हुए हैं। एयर टर्बुलेंस जैसी स्थितियों में सहयोग से इनकार करना आने वाले समय में राजनयिक मुद्दा बन सकता है।

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राहुल गांधी ने पूछा- ‘ट्रंप को भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के लिए किसने कहा?’

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए चार दिवसीय संघर्ष और संघर्षविराम समझौते पर सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एक इंटरव्यू को साझा करते हुए तीन तीखे सवाल दागे हैं। राहुल गांधी ने उठाए तीन सवाल राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी वीडियो के साथ राहुल गांधी ने लिखा: क्या है मामला? बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद भारत ने छह और सात मई की दरमियानी रात पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से हवाई हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए सीमावर्ती इलाकों में गोलाबारी की और ड्रोन व मिसाइल हमले किए। इस संघर्ष के बीच 10 मई को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम समझौता हो गया है, और अमेरिका ने इसमें मध्यस्थ की भूमिका निभाई। ट्रंप के बयान पर उठा विवाद राहुल गांधी ने सवाल खड़ा किया है कि भारत सरकार ने ट्रंप को इस संघर्ष में मध्यस्थता की भूमिका निभाने की अनुमति कब दी? यह सवाल इसलिए भी अहम हो गया है क्योंकि भारत हमेशा से कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े मामलों को द्विपक्षीय बताता रहा है, और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज करता रहा है। कूटनीतिक सवालों में फंसी सरकार राहुल गांधी के इन सवालों ने सरकार को कूटनीतिक और राजनीतिक रूप से कटघरे में खड़ा कर दिया है। विपक्ष जानना चाहता है कि यदि भारत की तरफ से किसी औपचारिक सहमति के बिना अमेरिका ने मध्यस्थता की, तो सरकार ने इस पर आपत्ति क्यों नहीं जताई? अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति पर भी उठे सवाल राहुल गांधी द्वारा पूछा गया यह सवाल भी अहम है कि पाकिस्तान की निंदा करने में कोई देश भारत के साथ क्यों नहीं आया? क्या भारत का अंतरराष्ट्रीय समर्थन कमजोर हुआ है? यह सवाल भारत की विदेश नीति और वैश्विक कूटनीति पर भी गहराई से सोचने को मजबूर करता है। क्या सरकार देगी जवाब? अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या सरकार राहुल गांधी के इन सवालों का जवाब देगी, और यदि हां, तो क्या वह अमेरिका और ट्रंप के दावे को खारिज करेगी या उसे स्वीकार करेगी। फिलहाल इस मामले पर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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बड़ी चेतावनी: “अगर आतंकवादी पाकिस्तान में हैं, तो उन्हें वहीं मारेंगे” – विदेश मंत्री एस. जयशंकर, ऑपरेशन सिंदूर जारी

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक इंटरव्यू में आतंकवाद पर भारत की नीति को लेकर बेहद सख्त और स्पष्ट रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी भी जारी है और यदि आतंकवादियों ने फिर से भारत में हमला किया, तो उन्हें सीधे पाकिस्तान में मार गिराया जाएगा। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने सख्त कार्रवाई की। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। इसके जवाब में 7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoJK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। जयशंकर ने कहा कि भारत ने ऐसे आतंकवादी ठिकानों पर निशाना साधा, जिनके नाम संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध सूची में शामिल हैं। इनमें लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद (JeM), और हिजबुल मुजाहिदीन (HM) जैसे संगठनों के ठिकाने थे। 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, पाक सेना की बौखलाहट ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इसके बाद पाकिस्तान ने एलओसी पर फायरिंग और सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन हमले करने की कोशिश की। भारत ने इसका जवाब देते हुए 8 पाकिस्तानी हवाई अड्डों पर हमला किया और उनके रडार, संचार केंद्र और रनवे को निष्क्रिय कर दिया। जयशंकर ने कहा, “हमने उनके हवाई अड्डों पर हमला करके उन्हें मजबूर किया कि वे गोलाबारी बंद करें। 10 मई को सीजफायर समझौता हुआ और दोनों पक्षों ने हमले रोकने पर सहमति जताई।” जयशंकर की दो टूक – “हम आतंकवादियों को मारेंगे” नीदरलैंड के एनओएस चैनल को दिए गए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा: “ऑपरेशन सिंदूर में एक स्पष्ट संदेश है – अगर आतंकवादी भारत पर हमला करते हैं, तो हम उन्हें मारेंगे, चाहे वे पाकिस्तान में हों। यह केवल गोलीबारी नहीं, बल्कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने का अभियान है।” उन्होंने कहा कि भारत अब केवल आतंकवादी हमलों के बाद शोक नहीं मनाएगा, बल्कि ठोस जवाबी कार्रवाई करेगा। TRF, LeT और JeM जैसे संगठनों के कमांड सेंटर और संचालन ठिकानों को चिन्हित कर लिया गया है। संयुक्त राष्ट्र को पहले ही दी गई थी जानकारी जयशंकर ने खुलासा किया कि भारत ने 2023, 2024 और 2025 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को TRF के बारे में जानकारी दी थी और यह बताया था कि यह संगठन LeT से जुड़ा है। भारत के पास आतंकी ठिकानों की तस्वीरें, लोकेशन और ऑपरेटिंग मोड जैसी सूचनाएं हैं। निष्कर्ष: भारत की नीति – ज़ीरो टॉलरेंस एस. जयशंकर का बयान और ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई यह साफ दर्शाती है कि भारत की नई नीति में आतंकवाद के लिए कोई सहानुभूति या सहनशीलता नहीं है। भारत अब सिर्फ बचाव नहीं, बल्कि आक्रामक प्रतिरोध की नीति अपना रहा है – वह भी अंतरराष्ट्रीय नियमों और सूचनाओं के आधार पर। “अगर आतंकवादी पाकिस्तान में हैं, तो भारत उन्हें वहीं मारेगा” – यही है नया भारतीय दृष्टिकोण।

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“यह भारत है, कन्नड़ नहीं बोलूंगी”: SBI मैनेजर के बयान पर बेंगलुरु में छिड़ा बड़ा विवाद, वीडियो वायरल

बेंगलुरु की एक एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) शाखा में कन्नड़ भाषा को लेकर एक विवाद ने तूल पकड़ लिया है, जहां एक महिला बैंक मैनेजर द्वारा कन्नड़ में बात करने से इनकार करने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इस घटना के बाद भाषाई अस्मिता और संवेदनशीलता को लेकर राज्यभर में बहस छिड़ गई है। क्या है पूरा मामला? बेंगलुरु स्थित एसबीआई की सूर्य नगर शाखा में एक ग्राहक ने बैंक मैनेजर से कन्नड़ में बात करने की अपील की, जिस पर महिला अधिकारी ने कहा, “यह भारत है, मैं कन्नड़ नहीं बोलूंगी, मेरी मातृभाषा हिंदी है।” इस जवाब पर ग्राहक ने आपत्ति जताई और पूरी घटना को रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डाल दिया। वीडियो वायरल होते ही कई यूज़र्स ने बैंक अधिकारियों पर कन्नड़ भाषा का अपमान करने और हिंदी थोपने का आरोप लगाया। सोशल मीडिया पर भड़की प्रतिक्रिया एक यूज़र ने लिखा, “एसबीआई शाखा मैनेजर और स्टाफ कन्नड़ भाषा का अपमान कर रहे हैं। कर्नाटक के लोगों पर हिंदी थोप रहे हैं। ग्राहकों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं।” इस तरह की कई प्रतिक्रियाओं के चलते यह मुद्दा राजनीतिक बहस में बदल गया और उत्तर-दक्षिण भारत के भाषाई मतभेद का विषय बन गया। महिला अधिकारी ने मांगी माफ़ी विवाद बढ़ने के बाद संबंधित महिला अधिकारी ने एक माफ़ी वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने शब्दों पर खेद जताया। हालांकि तब तक मामला काफी तूल पकड़ चुका था। एसबीआई और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की प्रतिक्रिया एसबीआई ने इस घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “हम सूर्य नगर शाखा में हाल ही में हुई घटना से चिंतित हैं। इस मामले की गहन जांच की जा रही है। भारतीय स्टेट बैंक, ग्राहकों की भावनाओं को प्रभावित करने वाले किसी भी व्यवहार के प्रति शून्य सहनशीलता की नीति रखता है।” कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इस मामले पर बयान जारी कर कहा, “एसबीआई शाखा मैनेजर का कन्नड़ और अंग्रेज़ी बोलने से इनकार और नागरिकों के प्रति असम्मानजनक व्यवहार की कड़ी निंदा की जाती है।”उन्होंने एसबीआई को त्वरित कार्रवाई के लिए धन्यवाद देते हुए बताया कि अधिकारी का तबादला कर दिया गया है। भाषा विवाद क्यों बना बड़ा मुद्दा? यह विवाद सिर्फ एक संवाद की असहमति नहीं है, बल्कि भाषाई पहचान और सांस्कृतिक अस्मिता से जुड़ा हुआ मुद्दा बन गया है। कर्नाटक में कन्नड़ भाषा को राजकीय भाषा का दर्जा प्राप्त है और नागरिकों की यह अपेक्षा रहती है कि सरकारी सेवाओं में इस भाषा का सम्मान हो। दूसरी ओर, कुछ लोगों का मानना है कि भारत एक बहुभाषी देश है और हर नागरिक के लिए सभी क्षेत्रीय भाषाएं सीखना व्यावहारिक नहीं है। इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि संवेदनशील प्रशासनिक पदों पर तैनात अधिकारियों को क्षेत्रीय भाषाओं की जानकारी और संवेदना होना कितना जरूरी है। यह मामला सिर्फ बेंगलुरु तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह पूरे देश में एक भाषाई बहस को जन्म दे चुका है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि एसबीआई और अन्य सरकारी संस्थान क्षेत्रीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए आगे किस प्रकार कदम उठाते हैं।

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