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पाकिस्तान को IMF से कर्ज़ मिलने पर राजनाथ सिंह का तंज – “जहां खड़ा होता है, वहीं से भीख मांगने की लाइन शुरू होती है”

श्रीनगर | 15 मई 2025भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज मिलने पर कड़ा तंज कसा है। उन्होंने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति और उसके बार-बार IMF से मदद मांगने पर कहा कि अब उसकी पहचान एक “मांगने वाले राष्ट्र” के रूप में बन चुकी है। राजनाथ सिंह ने श्रीनगर स्थित बादामी बाग छावनी में सेना अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा: “पाकिस्तान की मैं आपसे बात ही क्या करूं। वह देश तो मांगते-मांगते अपनी जहालत से एक ऐसी हालत में आ गया है कि उसके बारे में यह कहा जा सकता है कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू होती है।” भारत IMF को देता है कर्ज़, पाकिस्तान बार-बार मांगता है राजनाथ सिंह ने भारत की मजबूती पर जोर देते हुए कहा: “दूसरी तरफ हमारा देश है जो आज उन देशों की श्रेणी में आता है, जो खुद IMF को कर्ज़ देता है, ताकि IMF गरीब देशों को मदद कर सके।” उन्होंने भारत की वैश्विक स्थिति को लेकर कहा कि आज भारत आर्थिक और सामरिक दोनों क्षेत्रों में आत्मनिर्भर और वैश्विक सहयोगी की भूमिका में है, जबकि पाकिस्तान “कर्ज़ पर जिंदा” रहने वाला राष्ट्र बन चुका है। IMF के बेलआउट पर भारत का विरोध गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य संघर्ष के दौरान IMF ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की किश्त जारी करने की अनुमति दी थी। भारत सरकार ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया था, यह कहते हुए कि यह राशि आतंकवाद को परोक्ष समर्थन देने वाले देश के हाथों में जा रही है। आतंकवाद पर भारत का सख्त रुख रक्षा मंत्री ने यह भी दोहराया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार और हमारी सेना देश की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर तैयार है। आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए जो भी करना पड़ेगा, भारत करेगा।” राजनाथ सिंह इस समय जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए कश्मीर घाटी में मौजू

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पाकिस्तान के परमाणु हथियार पर बोले राजनाथ सिंह – न्यूक्लियर ब्लैकमेल की परवाह नहीं करेगा भारत

श्रीनगर | 15 मई 2025रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को उसके परमाणु हथियारों को लेकर सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारत न्यूक्लियर ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई समझौता नहीं करेगा। गुरुवार को श्रीनगर स्थित बादामी बाग छावनी में सेना अधिकारियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, “भारत आज आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिज्ञा को पूरी मजबूती से निभा रहा है। हमने पाकिस्तान के परमाणु धमकियों की कभी परवाह नहीं की।” पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर उठाए सवाल राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जैसे ‘रोग नेशन’ (असभ्य राष्ट्र) के पास परमाणु हथियार होना दुनिया के लिए खतरा है।उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हुए कहा: “क्या ऐसे गैर जिम्मेदार राष्ट्र के पास परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लिया जाना चाहिए।” पीएम मोदी भी दे चुके हैं स्पष्ट संदेश रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में भारी तनाव पैदा हो गया था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार रात राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था, “भारत किसी भी प्रकार का न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं सहेगा।” संघर्षविराम के बाद स्थिति सामान्य भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद 10 मई को सीजफायर की सहमति बनी थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए घाटी में हैं और सैन्य अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं।

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ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सराहना, सेना प्रमुखों से ली जानकारी

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय सशस्त्र बलों के समर्पण और साहस की सराहना की है। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी। राष्ट्रपति ने वीरता और समर्पण को बताया देश की शान राष्ट्रपति भवन में हुई इस विशेष मुलाकात में थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी मौजूद थे। राष्ट्रपति ने भारतीय सेना की बहादुरी की तारीफ करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत और निर्णायक प्रतिक्रिया का प्रतीक है। देशभर में ‘तिरंगा यात्रा’ का आयोजन ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से पूरे देश में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। सीएम योगी ने इस अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “जब पाकिस्तान बार-बार सबूतों के बावजूद अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तब अंततः ऑपरेशन सिंदूर की योजना बनाई गई। पहले ही दिन 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। पूरी दुनिया ने भारत की कार्रवाई को देखा।” पीएम मोदी की अध्यक्षता में CCS बैठक आज पाकिस्तान के साथ हुए सीजफायर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज पहली बार कैबिनेट और कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठकें होंगी। इन बैठकों में ऑपरेशन सिंदूर के बाद की रणनीति, पहलगाम आतंकी हमले की जांच और सीजफायर के बाद के हालात पर चर्चा की संभावना है। बता दें कि पहले भी पहलगाम हमले के बाद दो बार CCS की बैठकें हो चुकी हैं।

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अरुणाचल प्रदेश पर नाम बदलने की चीनी चाल पर भारत का सख्त जवाब – ‘नाम बदलने से सच्चाई नहीं बदलेगी’

नई दिल्ली | 13 मई 2025भारत ने अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के नाम बदलने की चीन की एकतरफा कोशिशों को सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि इस तरह के “बेतुके” और “बेकार” प्रयासों से अरुणाचल प्रदेश पर भारत की संप्रभुता और अखंडता पर कोई असर नहीं पड़ता। विदेश मंत्रालय की तीखी प्रतिक्रिया विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने देखा है कि चीन अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम लेने के अपने बेकार और बेतुके प्रयासों में लगा हुआ है। हम ऐसी कोशिशों को पूरी तरह खारिज करते हैं।” उन्होंने जोर देते हुए कहा, “नाम बदलने की कोशिश से वह सच्चाई नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।“ चीन का दावा और इतिहास चीन अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का दक्षिणी भाग बताता है और वह समय-समय पर इस राज्य के स्थानों को चीनी नाम देकर भ्रम फैलाने की कोशिश करता है। दिसंबर 2022 में भी चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 15 जगहों के लिए ‘मानकीकृत’ नाम जारी किए थे। भारत की नीति स्पष्ट भारत ने हमेशा यह दोहराया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का संविधानिक और प्रशासनिक रूप से पूर्ण रूप से एकीकृत राज्य है और उसकी संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं होगा।

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BSF जवान पूर्णम कुमार की वापसी पर भावुक हुईं पत्नी, बोलीं- “मोदी जी हैं, तो सब मुमकिन है”

23 अप्रैल को अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा पकड़े गए बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव को बुधवार को भारत को सुरक्षित सौंप दिया गया। जवान की वापसी की खबर से पूरे देश में खुशी की लहर है, वहीं उनकी पत्नी रजनी साव ने भावुक होकर देशवासियों और सरकार का आभार जताया। 🔹 पत्नी रजनी साव का बयान न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में रजनी साव ने बताया, “आज सुबह ही फोन आया कि पीके साव भारत आ चुके हैं और सही सलामत हैं। मेरे पति ने भी वीडियो कॉल किया था, वह बिल्कुल फिट हैं।” उन्होंने कहा, “सभी का समर्थन मिला, पूरा देश मेरे लिए खड़ा था। मैं सबका धन्यवाद करती हूँ। आप लोगों की वजह से ही मेरे पति भारत लौटे हैं। मोदी जी हैं तो सब मुमकिन है।“ 🔹 सीएम ममता बनर्जी ने भी दी प्रतिक्रिया पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर प्रतिक्रिया दी, “मुझे यह जानकारी पाकर खुशी हुई कि हमारे बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव को रिहा कर दिया गया है।” 🔹 क्या है मामला? 23 अप्रैल 2025 को पंजाब के अटारी बॉर्डर पर गश्त के दौरान बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे, जहां पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। इसके बाद भारत सरकार ने लगातार कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से उनकी वापसी सुनिश्चित की।

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पीएम मोदी बोले: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब भारत का न्यू नॉर्मल, तीन सूत्रों में दी नई सुरक्षा नीति

आदमपुर (पंजाब) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 13 मई को पंजाब के आदमपुर एयरबेस पर सैनिकों को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की सुरक्षा नीति का नया मानक करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब देश की नीति, नीयत और निर्णय में कोई भ्रम नहीं है – आतंकवाद के हर हमले का निर्णायक जवाब मिलेगा। ऑपरेशन सिंदूर: भारत की निर्णायक क्षमता का प्रतीक पीएम मोदी ने कहा: “ऑपरेशन सिंदूर कोई सामान्य सैन्य अभियान नहीं है, यह भारत की नीति, नीयत और निर्णायक क्षमता की त्रिवेणी है। अब ऑपरेशन सिंदूर भारत का न्यू नॉर्मल है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस ऑपरेशन की गूंज आज हर कोने में सुनाई दे रही है और पूरा देश अपने जवानों और उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञ है। पीएम मोदी के तीन सुरक्षा सूत्र प्रधानमंत्री ने देश की नई सुरक्षा नीति को तीन सूत्रों में स्पष्ट किया: ऑपरेशन की पृष्ठभूमि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें कई जवान और नागरिक मारे गए थे। इसके जवाब में 6-7 मई की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक और निर्णायक हमला किया। इस अभियान को ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। ‘नई नीति, नया आत्मविश्वास’ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री का यह बयान भारत की नई सैन्य सोच और आत्मविश्वास को दर्शाता है, जहां रणनीति अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि पहल पर आधारित है।

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पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद चार बड़े संदेश

नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ हुई सैन्य कार्रवाई और भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति को लेकर चार अहम संदेश दिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक ‘नया सामान्य’ (New Normal) स्थापित किया है। यह भाषण पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के भीतर और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में की गई मिसाइल कार्रवाई के पाँच दिन बाद आया है। उस हमले में 26 लोगों की जान गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा: “हमने सिर्फ़ हमला नहीं रोका है, बल्कि यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत हर कदम को पाकिस्तान के रवैये के आधार पर तय करेगा।” पीएम मोदी के भाषण के चार बड़े संदेश: घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संकेत राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह भाषण घरेलू असंतोष को शांत करने की भी एक कोशिश थी, खासकर उन समर्थकों के लिए जो पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई को आगे न बढ़ाने से नाराज़ थे। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम उसकी मध्यस्थता का परिणाम था, लेकिन भारत ने इस पर चुप्पी बनाए रखी।

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संघर्षविराम के बाद श्रीनगर में हालात सामान्य, स्कूलों में फिर गूंजने लगी बच्चों की आवाज़

श्रीनगर/जम्मू — भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्षविराम के बाद जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। श्रीनगर में हालात अब सामान्य हो रहे हैं और मंगलवार से स्कूलों को दोबारा खोल दिया गया है। बीबीसी संवाददाता माजिद जहांगीर के अनुसार, “श्रीनगर में जनजीवन सामान्य हो रहा है, छात्र-छात्राएं स्कूल जाते हुए दिखाई दिए।” वहीं दूसरी ओर, बारामुला ज़िले के सीमावर्ती उरी और सांबा सेक्टर जैसे कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में स्कूल अभी भी बंद हैं। रियासी और पुंछ जैसे इलाकों में भी स्थिति में सुधार देखा गया है। पुंछ, जो हाल ही में भारी गोलाबारी का गवाह बना था, वहां अब बाजार खुलने लगे हैं और लोग सामान्य दिनचर्या में लौट रहे हैं। हालांकि सुरक्षा सतर्कता अभी भी बनी हुई है। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार रात को सांबा सेक्टर में धमाके की आवाज़ सुनाई दी थी। सेना ने जानकारी दी कि इलाके में कुछ ड्रोन की गतिविधि देखी गई जिसे निष्क्रिय कर दिया गया है। सेना ने लोगों से चिंता न करने की अपील की है। उम्मीद की किरण सीज़फ़ायर के बाद जिस तरह घाटी में शांति बहाल हो रही है, वह आम नागरिकों के लिए राहत की बात है। खासकर बच्चों के लिए स्कूल खुलना और पढ़ाई में वापसी, इस संकटपूर्ण दौर के बाद एक सकारात्मक संकेत है।

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भारत-पाकिस्तान सीज़फ़ायर के बाद फिर से खुले 32 एयरपोर्ट, यात्रियों के लिए जारी हुई एडवाइजरी

नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते अस्थाई रूप से बंद किए गए 32 नागरिक हवाई अड्डों को सोमवार से फिर से उड़ानों के लिए खोल दिया गया है। यह निर्णय सीज़फ़ायर की घोषणा के बाद लिया गया, जिससे सामान्य स्थिति बहाल हो रही है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (AAI) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि गुजरात, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों के प्रभावित एयरपोर्ट्स को अब फिर से नागरिक उड़ानों के लिए खोल दिया गया है। एएआई ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे उड़ान से पहले अपनी एयरलाइन से जानकारी प्राप्त करें और नियमित अपडेट के लिए संबंधित एयरलाइंस की वेबसाइट पर जाएं। एयरलाइंस ने दी अपडेट, सेवाएं धीरे-धीरे होंगी सामान्य इंडिगो एयरलाइंस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी है कि सभी हवाई अड्डों पर उड़ानों की सेवाएं बहाल की जा रही हैं। हालांकि, कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि सेवाएं पूरी तरह से सामान्य होने में कुछ समय लग सकता है। यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे समय से पहले एयरपोर्ट पहुंचें और सुरक्षा प्रक्रियाओं के अनुसार अतिरिक्त समय का अनुमान लगाएं। पृष्ठभूमि बता दें कि 7 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के चलते 32 एयरपोर्ट्स को 15 मई तक बंद कर दिया गया था। लेकिन संघर्षविराम की घोषणा और कूटनीतिक प्रयासों के सफल होने के बाद स्थिति नियंत्रण में आते ही हवाई सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।

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डोनाल्ड ट्रंप ने पहले दी संघर्ष विराम की खबर, भारत की ख़ामोशी के क्या हैं मायने?

नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव अपने चरम पर था, जब दोनों देशों ने एक-दूसरे के सैन्य हवाई अड्डों पर हमले और नुक़सान पहुंचाने के दावे किए। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक ‘संघर्ष विराम’ की घोषणा कर सबको चौंका दिया। ट्रंप ने शनिवार शाम 5:30 बजे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि यह संघर्ष विराम अमेरिका की मध्यस्थता में ‘रात भर चली बातचीत’ का नतीजा है। उन्होंने लिखा कि अमेरिका ने इस बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और दोनों देशों को शांति बनाए रखने पर सहमत किया। भारत की ख़ामोशी और डिप्लोमैटिक मायने अमेरिकी घोषणा के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसहाक़ डार ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इसकी पुष्टि की, और बताया कि अमेरिका, सऊदी अरब और ब्रिटेन सहित 30 से अधिक देशों ने इस कूटनीतिक प्रयास में भाग लिया। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम पर भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह ख़ामोशी कई रणनीतिक संकेतों की ओर इशारा कर सकती है: क्या ट्रंप की घोषणा ने बाज़ी मार ली? भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हुई बातचीत और दोनों देशों की तीनों सेनाओं द्वारा रविवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही ट्रंप द्वारा संघर्ष विराम की घोषणा कर दी गई थी। इससे यह भी सवाल उठने लगे हैं कि क्या अमेरिका ने जानबूझकर भारत-पाक संबंधों में अपनी भूमिका को ज़ोर-शोर से प्रचारित किया? विश्लेषकों के अनुसार, ट्रंप द्वारा यह घोषणा 2024 में शुरू हुए उनके चुनावी प्रचार का हिस्सा भी हो सकती है, जिसमें वह खुद को वैश्विक शांति के ‘डील मेकर’ के रूप में पेश कर रहे हैं।

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