अमेरिका के बढ़ते टैरिफ दबावों के बीच चीन अब भारत के साथ अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों में जुट गया है। भारत में नियुक्त चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि चीन अब भारतीय प्रीमियम उत्पादों का स्वागत करने को तैयार है और भारतीय कंपनियों को अपने विशाल उपभोक्ता बाजार में अवसर देने को इच्छुक है।
चीन की ओर से दोस्ती का संकेत:
राजदूत जू फेइहोंग ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि चीन और भारत के बीच व्यापारिक संबंध पारस्परिक लाभ और सहयोग पर आधारित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने कभी जानबूझकर व्यापार अधिशेष (Trade Surplus) का पीछा नहीं किया, बल्कि यह बाजार की स्थिति और आपूर्ति-सामर्थ्य पर निर्भर करता है।
📈 भारत के लिए नए अवसरों के संकेत:
चीनी राजदूत ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हाल ही में ग्लोबल ट्रेड पर दिए गए भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि चीन में निवेश की विशाल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि चीन, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कंज़्यूमर मार्केट और सबसे बड़ा मिडल इनकम वर्ग रखता है, जिससे निवेश और उपभोग के बड़े अवसर बनते हैं।
🔍 मुख्य बातें:
- अमेरिका के टैरिफ दबाव के चलते चीन भारत से आर्थिक संबंधों को गहराई देने को तैयार।
- चीनी राजदूत ने कहा, “भारत के प्रीमियम एक्सपोर्ट का करेंगे स्वागत”।
- चीन के उपभोक्ता बाज़ार में भारतीय व्यवसायों के लिए नए दरवाज़े खुलने के संकेत।
- चीन और भारत के व्यापारिक रिश्ते पारस्परिक लाभ और सहयोग पर आधारित हैं।
🧭 निष्कर्ष:
जहां अमेरिका के साथ टैरिफ को लेकर चीन की चुनौती बढ़ रही है, वहीं भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में वह व्यापक आर्थिक साझेदारी को बढ़ावा देना चाहता है। भारत के लिए यह एक ऐसा अवसर हो सकता है जिससे निर्यात, निवेश और व्यापारिक गतिविधियों में नई रफ्तार मिल सकती है।
