मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी को लेकर की गई उनकी विवादास्पद टिप्पणी अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है और इस मामले पर अब कांग्रेस पार्टी ने राज्यव्यापी प्रदर्शन छेड़ दिया है। विपक्ष की मांग है कि विजय शाह को मंत्री पद से तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
कांग्रेस का सीधा हमला
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीबीसी से बातचीत में कहा:
“देश की बेटी पर की गई ओछी टिप्पणी पर भाजपा केवल दिखावटी कार्रवाई कर रही है। जब तक विजय शाह का इस्तीफा नहीं होता, हम राज्यपाल भवन के बाहर धरने पर बैठे रहेंगे।”
उन्होंने बताया कि राज्यपाल मंगूभाई पटेल से कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग की है।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट सख्त
यह विवाद तब गहराया जब विजय शाह ने इंदौर जिले के महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की।
इस पर मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए डीजीपी को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने पर अदालत ने न केवल विजय शाह को फटकारा, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। हाई कोर्ट ने पुलिस जांच को अदालत की निगरानी में किए जाने का आदेश भी दिया।
विजय शाह की सफाई और माफ़ी
विवाद बढ़ने पर विजय शाह ने मीडिया के सामने माफ़ी मांगते हुए खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उनकी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। उन्होंने एफआईआर से राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, लेकिन अदालत से उन्हें कोई बड़ी राहत नहीं मिली।
