बीजापुर: छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर जारी बड़े नक्सल ऑपरेशन के पांचवें दिन एक बड़ी घटना सामने आई है। सर्चिंग के दौरान गलगम से करेगुट्टा पहाड़ी की ओर बढ़ते समय डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) का एक जवान आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) की चपेट में आ गया, जिससे उसके पैरों में गंभीर चोटें आई हैं। जवान को तत्काल गलगम स्थित सीआरपीएफ कैंप में प्राथमिक उपचार देने के बाद हेलीकॉप्टर से बीजापुर अस्पताल भेजा गया।
🔥 ऑपरेशन की मुख्य बातें:
- अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई: छत्तीसगढ़ पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा हजारों जवानों के साथ सीमावर्ती क्षेत्र में बड़े स्तर पर ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
- भीषण गर्मी से जूझते जवान: ऑपरेशन के दौरान भीषण गर्मी की वजह से 40 से ज्यादा जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो चुके हैं, जिन्हें तेलंगाना के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- नक्सलियों पर करारा प्रहार: अब तक लगभग 5 नक्सलियों को मार गिराया गया है।
🚨 मैदान पर हालात:
- आईईडी का खतरा: अब तक 100 से अधिक आईईडी बरामद किए गए हैं, जिन्हें जवानों को निशाना बनाने के लिए बिछाया गया था। बम निष्क्रिय करने का कार्य सतर्कता के साथ जारी है।
- कर्रेगुट्टा बना ऑपरेशन का सेंटर पॉइंट: तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी इलाके में माओवादी शीर्ष कमांडरों के छिपे होने की पुष्टि खुफिया रिपोर्ट्स से हुई है।
- उच्च तकनीक निगरानी: इलाके में ड्रोन और सैटेलाइट से लगातार नजर रखी जा रही है।
🗣️ बड़ी प्रतिक्रिया:
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने नक्सल ऑपरेशन के बीच आदिवासी समुदाय के लिए राज्य सरकार से विशेष मांग की है। उनका कहना है कि “ऑपरेशन के दौरान स्थानीय लोगों के हितों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।”
स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन सुरक्षा बलों का हौसला बुलंद है। ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पूरी ताकत झोंकी जा रही है।
