ग़ज़ा में रातभर हुए इसराइली हमलों में 15 लोगों की मौत, भुखमरी की कगार पर 20 लाख लोग

ग़ज़ा में हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। मंगलवार रात से शुरू हुए इसराइली हवाई हमलों ने तबाही मचा दी है, जिसमें अब तक कम से कम 15 लोगों की मौत हो चुकी है। हमास द्वारा संचालित नागरिक सुरक्षा सेवा के मुताबिक, इन हमलों में अकेले जबालिया क्षेत्र में 11 लोग मारे गए और 13 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

इसके अलावा, दक्षिण ग़ज़ा के खान यूनिस क्षेत्र में हुए दो अन्य हमलों में दो और लोगों की जान गई, जबकि एक अन्य हमले में एक बच्चे सहित दो लोगों की मौत हुई है। फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी ने जानकारी दी है कि रातभर में कुल 19 लोगों की मौत हुई है। इन हमलों ने न केवल जान-माल का नुकसान पहुंचाया है, बल्कि एक पहले से ही चल रहे मानवीय संकट को और गंभीर बना दिया है।

भुखमरी की स्थिति: 20 लाख लोगों को भोजन की दरकार

ग़ज़ा में इस समय लगभग 20 लाख लोग भुखमरी जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। बीते 11 सप्ताहों से भोजन की आपूर्ति पूरी तरह से बाधित है। लोग हर दिन भोजन से लदे ट्रकों का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन मदद अब तक पहुंच नहीं पाई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर 100 ट्रक भी पहुंचे तो वे भी इस बड़े संकट को हल करने के लिए पर्याप्त नहीं होंगे।

बाजारों की हालत भी चिंताजनक है। ग़ज़ा के बाजार पूरी तरह से खाली हैं। फल, सब्ज़ियां, प्रोटीन युक्त खाद्य सामग्री, मांस और चिकन लगभग खत्म हो चुके हैं। लोग खाने के लिए तरस रहे हैं।

अस्पतालों में तेल और दवाइयों की भारी कमी

स्वास्थ्य सेवाएं भी पूरी तरह चरमरा गई हैं। अस्पतालों में जेनरेटर चलाने के लिए आवश्यक तेल नहीं है, जिससे जीवनरक्षक मशीनें काम नहीं कर पा रहीं। आवश्यक दवाइयों की भी भारी कमी है। वहीं, पीने योग्य पानी की उपलब्धता भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, ग़ज़ा में 25 प्रतिशत पानी दूषित है और पीने लायक नहीं है।

मानवीय संकट गहराया

ग़ज़ा इस समय एक भीषण मानवीय संकट से जूझ रहा है। हर दिन हो रहे हवाई हमले, भोजन और पानी की किल्लत, और स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव—इन सबने मिलकर एक त्रासदीपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें ग़ज़ा पर हैं, लेकिन ज़मीनी हालात में कोई ठोस सुधार अब तक नहीं दिख रहा है।

अगर राहत नहीं पहुंचाई गई, तो यह संकट और भयावह रूप ले सकता है। ग़ज़ा के निवासियों की निगाहें अब सिर्फ़ जीवन रक्षक मदद की ओर टिकी हुई हैं।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top