सोना भारतीयों के लिए न केवल परंपरा का हिस्सा है, बल्कि यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प भी माना जाता है। बीते दो महीनों में सोने की कीमतों में तेज़ी देखने को मिली है। हालांकि, बाजार के कुछ प्रमुख संकेतक जैसे महंगाई, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड और भूराजनीतिक तनाव के अनुसार, आने वाले समय में इसमें गिरावट देखी जा सकती है।
सोना आमतौर पर महंगाई और मंदी के दौर में मज़बूती से प्रदर्शन करता है, जबकि अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड बढ़ने पर इसकी कीमतों पर दबाव आता है। लेकिन इस समय इसके दाम पारंपरिक सिद्धांतों से हटकर तेज़ी दिखा रहे हैं, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह:
- जो लोग वायदा बाज़ार में सोना खरीदते हैं, उन्हें समय-समय पर प्रॉफिट बुकिंग करते रहना चाहिए।
- अपने निवेश को केवल सोने तक सीमित न रखते हुए अन्य साधनों में भी निवेश करें।
- सोने की कीमत बढ़ने पर बेचें और कीमत गिरने पर दोबारा खरीदें — यह एक व्यावहारिक नीति है।
गहनों में निवेश से बचें:
गहनों में सोने की खरीद पर मेकिंग चार्ज और अन्य कटौतियों की वजह से पूंजी का नुकसान हो सकता है। इसके बजाय बुलियन (ठोस सोना) या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विकल्प चुनें, जो ज्यादा सुरक्षित और लाभदायक हैं।
अप्रैल के बाद की आर्थिक नीतियाँ और अमेरिका की नई सरकार की दिशा, सोने के दामों को प्रभावित करेंगी। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और बाजार पर पैनी नजर रखनी चाहिए।
