अहमदाबाद:
26 अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई, जहां शादी समारोह में आए मेहमानों को पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिक समझकर उठा लिया। मामला उस समय गरमाया जब फरज़ाना नामक महिला ने क्राइम ब्रांच कार्यालय के बाहर अपने मेहंदी लगे हाथ दिखाते हुए पूरी घटना को मीडिया के सामने रखा।
फ़रज़ाना ने बीबीसी गुजराती से बातचीत में बताया, “हमारे घर में शादी थी और बारात आई हुई थी। घर छोटा होने के कारण कुछ बारातियों को चंदोला इलाके में एक रिश्तेदार के यहां ठहराया था। वहीं से पुलिस ने उन्हें ‘बांग्लादेशी’ समझकर हिरासत में ले लिया।”
उन्होंने आगे कहा, “उठाए गए लोगों में मेरे बड़े भाई और भतीजे भी शामिल थे, जो अकोला, महाराष्ट्र से आए थे। बिना किसी जांच के उन्हें पकड़ लिया गया। हमें बताया गया कि पूछताछ के बाद छोड़ दिया जाएगा, लेकिन हम सुबह से रात 9 बजे तक भूखे-प्यासे क्राइम ब्रांच के बाहर बैठे रहे।”
फ़रज़ाना ने दावा किया कि जब उन्होंने अपने भाई का जन्म प्रमाण पत्र और अन्य सरकारी दस्तावेज़ प्रस्तुत किए, तब जाकर रात 10:30 बजे उन्हें रिहा किया गया।
यह घटना उस समय हुई जब गुजरात पुलिस ने ‘संदिग्ध प्रवासियों’ के खिलाफ अभियान चलाया था। फ़रज़ाना ने सवाल उठाते हुए कहा, “अगर कोई विवाद कश्मीर में है तो उसे वहीं सुलझाइए। अहमदाबाद में तो कोई विवाद नहीं, फिर हमारे मेहमानों को क्यों परेशान किया गया?”
फ़रज़ाना ने बताया कि उनका परिवार वर्षों से अहमदाबाद के जीतू भगत की चॉल में रह रहा है और उनके सभी दस्तावेज़ सही हैं।
प्रमुख बातें:
- शादी में शामिल मेहमानों को बांग्लादेशी समझकर उठाया गया
- सरकारी दस्तावेज़ दिखाने के बाद देर रात को छोड़ा गया
- परिवार ने पुलिस कार्रवाई को ‘अन्यायपूर्ण’ बताया
- अहमदाबाद में संदिग्ध लोगों पर कार्रवाई के तहत हुई घटना
