रूस में बाल-बाल बचा भारतीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल, फ्लाइट की लैंडिंग से ठीक पहले हुआ ड्रोन हमला

मॉस्को
ऑपरेशन सिंदूर के तहत अंतरराष्ट्रीय संपर्क अभियान पर रूस पहुंचे भारतीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल एक बड़े हादसे से बाल-बाल बच गया। डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल गुरुवार रात मॉस्को पहुंचा, लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले रूसी हवाई क्षेत्र में ड्रोन हमले शुरू हो गए।

हालांकि पायलट की सतर्कता और रूस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल की निगरानी में विमान को करीब 45 मिनट तक हवा में चक्कर लगाना पड़ा, जिसके बाद फ्लाइट सुरक्षित रूप से डोमोडेडोवो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतर सकी।


ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश दौरे पर भारतीय सांसद

ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के ठिकानों पर किया गया एक विशेष सैन्य अभियान है।
इस अभियान के बाद भारत ने दुनियाभर में आतंकवाद के खिलाफ माहौल तैयार करने और सहयोग जुटाने के उद्देश्य से पांच देशों में सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भेजा

इसी क्रम में डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में भारत का यह पहला बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल रूस पहुंचा, जिसका मकसद सीमा पार आतंकवाद पर वैश्विक समुदाय को जागरूक करना है।


लैंडिंग से पहले ड्रोन अटैक, बाल-बाल बचे सांसद

कनिमोझी के करीबी सूत्रों ने बताया कि

“फ्लाइट को लैंडिंग से पहले आसमान में कई बार चक्कर लगाना पड़ा क्योंकि उस वक्त यूक्रेन की ओर से ड्रोन हमलों की सूचना मिली थी। सुरक्षा कारणों से लैंडिंग को टाल दिया गया। लगभग 45 मिनट की देरी के बाद विमान सुरक्षित लैंड कर गया। सभी सदस्य सुरक्षित हैं।”


डोमोडेडोवो एयरपोर्ट पर हुआ गर्मजोशी से स्वागत

विमान के सुरक्षित उतरने के बाद भारतीय राजदूत विनय कुमार और अन्य अधिकारियों ने कनिमोझी और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों का मॉस्को एयरपोर्ट पर स्वागत किया।
यह दौरा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को वैश्विक मंचों पर स्पष्ट और मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है।


पृष्ठभूमि: पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर

यह दौरा उस समय हो रहा है जब एक महीने पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी।
इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकी ठिकानों पर करारा हमला किया और अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर समर्थन जुटाने की कोशिश जारी है।


निष्कर्ष

रूस की राजधानी में भारतीय सांसदों के डेलिगेशन पर संभावित खतरा और उसके बाद की सुरक्षित लैंडिंग ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत वैश्विक आतंकवाद के मुद्दे को लेकर गंभीर और सशक्त भूमिका निभा रहा है।
यह दौरा भारत के कूटनीतिक और सैन्य रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय समर्थन को और मजबूत करेगा।

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