भारत के व्यापारिक समुदाय ने तुर्की और अज़रबैजान के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए दोनों देशों के साथ हर प्रकार के व्यापार और व्यावसायिक संबंधों का पूर्ण बहिष्कार करने की घोषणा की है। दिल्ली में आयोजित कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।
🔹 भारत विरोधी रुख के खिलाफ सख्त रुख
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. सी. भरतिया ने कहा कि व्यापारिक समुदाय ने दोनों देशों की नीतियों को भारत विरोधी करार देते हुए अपने असंतोष और नाराजगी को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है। इस बहिष्कार में व्यापार, निवेश, यात्रा और पर्यटन जैसे सभी क्षेत्र शामिल होंगे।
फिल्म उद्योग और कॉरपोरेट हाउसेज को भी चेतावनी
सम्मेलन में व्यापारियों ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से अपील की कि वे तुर्की और अज़रबैजान में किसी प्रकार की शूटिंग न करें। यदि कोई फिल्म वहां शूट होती है, तो व्यापारी और आम जनता उसका बहिष्कार करेंगे। इसके साथ ही, कॉरपोरेट कंपनियों से भी अपील की गई कि वे अपने उत्पादों के प्रमोशन के लिए इन देशों में शूटिंग न करें।
पाकिस्तान को समर्थन देने पर नाराजगी
इस फैसले के पीछे तुर्की और अज़रबैजान द्वारा पाकिस्तान के पक्ष में हालिया बयानबाज़ी और समर्थन को मुख्य कारण बताया गया है। सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों ने कहा कि जब भारत गंभीर सुरक्षा संकट से गुजर रहा था, तब इन देशों द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करना एक प्रकार का कूटनीतिक विश्वासघात है।
मोदी सरकार के साथ एकजुटता
देशभर के 24 राज्यों से आए 125 से अधिक शीर्ष व्यापारिक नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए, उन सभी ताकतों का विरोध करने का संकल्प लिया जो भारत के खिलाफ खड़ी हैं।
खंडेलवाल का तीखा बयान
CAIT के महासचिव और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तुर्की और अज़रबैजान ने भारत की सद्भावना और समर्थन का फायदा उठाकर अब पाकिस्तान का पक्ष लिया है। यह भारत की संप्रभुता और 140 करोड़ भारतीयों की भावनाओं पर आघात है।”
