समय से पहले मॉनसून देगा दस्तक: मौसम विभाग का बड़ा अपडेट, 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के समय से पहले आगमन की संभावना जताई है। यदि यह पूर्वानुमान सही साबित होता है, तो 2009 के बाद यह पहला मौका होगा जब मॉनसून तय तारीख से पहले भारतीय उपमहाद्वीप पर दस्तक देगा।

कहां तक पहुंचा मॉनसून?

आईएमडी के मुताबिक, मॉनसून बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग, अंडमान सागर के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों, और निकोबार द्वीपसमूह में आगे बढ़ रहा है। विभाग ने बताया कि इन क्षेत्रों में मध्यम से भारी वर्षा, पश्चिमी हवाओं की मजबूती, और ओएलआर (Outgoing Longwave Radiation) में गिरावट जैसी स्थितियाँ मॉनसून के आगमन के लिए अनुकूल हैं।

27 मई को केरल में दस्तक की संभावना

आमतौर पर मॉनसून 1 जून को केरल पहुंचता है, लेकिन इस बार इसके 27 मई को ही पहुंचने की संभावना जताई गई है। वर्ष 2009 में मॉनसून 23 मई को केरल पहुंचा था। इस लिहाज से 2025 एक ऐतिहासिक वर्ष बन सकता है

अगले 3-4 दिनों में कहां पहुंचेगा मॉनसून?

आईएमडी ने आगे बताया कि अगले कुछ दिनों में मॉनसून इन क्षेत्रों में आगे बढ़ सकता है:

  • दक्षिण अरब सागर
  • मालदीव व कोमोरिन क्षेत्र
  • दक्षिण व मध्य बंगाल की खाड़ी
  • संपूर्ण अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह
  • अंडमान सागर के शेष क्षेत्र

सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना

अप्रैल में आईएमडी ने 2025 के मॉनसून को लेकर यह भी पूर्वानुमान जारी किया था कि इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। साथ ही, ‘अल नीनो’ के प्रभाव की संभावना को भी खारिज कर दिया गया है।

भारत के लिए मॉनसून का महत्व

मॉनसून भारतीय कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए जीवन रेखा के समान है:

  • देश की 42% आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है
  • GDP में लगभग 18% योगदान
  • जलाशयों को भरने और बिजली उत्पादन के लिए भी बेहद अहम

अगर समय से पहले और सामान्य से अधिक मॉनसून आता है, तो यह खेती, पीने के पानी, और बिजली संकट से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए राहत की खबर हो सकती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top