National Herald Case: राहुल-सोनिया की बढ़ीं मुश्किलें, राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने जारी किया नोटिस, अगली सुनवाई 8 मई को

नई दिल्ली,
नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी की कानूनी परेशानियां और गहरा गई हैं। दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दोनों को नोटिस जारी किया है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने यह स्पष्ट किया कि चार्जशीट के संज्ञान पर सुनवाई के दौरान दोनों नेताओं को अपना पक्ष रखने का पूरा अधिकार मिलेगा। मामले की अगली सुनवाई 8 मई को निर्धारित की गई है।

चार्जशीट में गंभीर आरोप, करोड़ों की संपत्ति हड़पने का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में कोर्ट में जो आरोपपत्र दाखिल किया है, उसमें कांग्रेस नेतृत्व पर संगठित आपराधिक साजिश के तहत एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को हड़पने का आरोप है।

चार्जशीट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, दिवंगत मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के नाम शामिल हैं। आरोप है कि इन सभी ने मिलकर एक निजी कंपनी यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) के माध्यम से AJL की संपत्तियों को अनुचित तरीके से प्राप्त किया और इसका दुरुपयोग किया।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

नेशनल हेराल्ड केस एक हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा मामला है। AJL, जो नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज जैसे समाचार पत्र प्रकाशित करता था, 2008 तक भारी घाटे में चल रही थी और उस पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज था।

2010 में यंग इंडियन लिमिटेड का गठन हुआ जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी थी। आरोप है कि कांग्रेस पार्टी ने AJL का 90 करोड़ का कर्ज YIL को सिर्फ 50 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया, जिससे YIL ने AJL की करोड़ों की संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल कर लिया।

ED का दावा: मुनाफा कमाने के उद्देश्य से हुई साजिश

प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि AJL एक गैर-लाभकारी संस्था थी और इसकी संपत्तियों को व्यावसायिक किराए पर देना (जैसे दिल्ली के हेराल्ड हाउस को पासपोर्ट कार्यालय को देना) गैर-कानूनी है। ED ने अप्रैल 2025 में सोनिया, राहुल और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की और 751 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कीं।

कांग्रेस का पलटवार: बताया ‘राजनीतिक बदले’ की कार्रवाई

कांग्रेस पार्टी ने ED की कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है। पार्टी का दावा है कि YIL एक गैर-लाभकारी कंपनी है और इसका उद्देश्य नेशनल हेराल्ड को पुनर्जीवित कर स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को आगे बढ़ाना है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बयान जारी करते हुए कहा, “यह भाजपा की सोची-समझी साजिश है ताकि गांधी परिवार को बदनाम किया जा सके।”

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