पाकिस्तान में भुखमरी की कगार पर एक करोड़ लोग, वर्ल्ड बैंक की चौंकाने वाली रिपोर्ट

World Bank Report on Pakistan Hunger Crisis:
पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है। वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, देश की आर्थिक स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि मौजूदा वित्त वर्ष में करीब 1 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच सकते हैं। ये आंकड़े पाकिस्तान की ग्रामीण आबादी को सबसे ज्यादा प्रभावित करेंगे।


आर्थिक संकट ने गहराई भुखमरी की आशंका

पाकिस्तान की सरकार जहां आर्थिक मोर्चे पर विफल होती नजर आ रही है, वहीं वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट ने आने वाले समय के लिए गंभीर चेतावनी दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार बजट घाटा (Fiscal Deficit) नियंत्रित करने में नाकाम रही है। नतीजन, पाकिस्तान का ऋण और बढ़ने की आशंका है।


प्रमुख फसलें भी संकट में, खाद्य संकट बढ़ने की आशंका

वर्ल्ड बैंक ने यह भी बताया कि खराब मौसम की वजह से धान और बाजरा जैसी प्रमुख फसलें बुरी तरह प्रभावित होंगी, जिससे खाद्य उत्पादन में भारी गिरावट आएगी। इससे देश में अनाज की भारी कमी हो सकती है और इससे जुड़े लाखों लोग प्रभावित होंगे।


गरीबी और बेरोजगारी दोनों में इजाफा तय

रिपोर्ट में चिंता जताई गई है कि पाकिस्तान में गरीबी तेज़ी से बढ़ेगी। करीब 19 लाख लोग इस साल गरीबी रेखा के नीचे चले जाएंगे।
साथ ही, देश में रोज़गार-से-जनसंख्या अनुपात सिर्फ 49.7% है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि महिलाएं और युवा आज भी श्रम बाजार से काफी हद तक कटे हुए हैं।


रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

  • 1 करोड़ लोग भुखमरी की चपेट में आ सकते हैं।
  • बजट घाटे का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ।
  • GDP के मुकाबले ऋण का बोझ बढ़ा।
  • कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर बुरी तरह प्रभावित।
  • गरीबी और बेरोजगारी में तेज़ वृद्धि।

निष्कर्ष:

पाकिस्तान का आर्थिक संकट सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं है, यह आम जनता की रोज़मर्रा की जिंदगी को गहराई से प्रभावित कर रहा है। वर्ल्ड बैंक की यह रिपोर्ट केवल चेतावनी नहीं, बल्कि पाकिस्तान सरकार के लिए अलार्म बेल है। अगर जल्द सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो पाकिस्तान को सामाजिक और मानवीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।

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