इस्तांबुल,
फरवरी 2022 से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन साल बाद दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल पहली बार प्रत्यक्ष रूप से आमने-सामने बैठने जा रहे हैं। तुर्किये के इस्तांबुल में शुक्रवार को होने वाली इस बैठक में शांति स्थापना की संभावनाओं पर चर्चा होगी। यह वार्ता तुर्किये की मध्यस्थता में हो रही है और इसे एक अहम कूटनीतिक पहल माना जा रहा है, हालांकि युद्ध के तत्काल समाधान की उम्मीदें बेहद सीमित हैं।
कौन कर रहा है नेतृत्व?
इस वार्ता में यूक्रेन की ओर से रक्षा मंत्री रुस्तेम उमेरोव प्रतिनिधित्व करेंगे, जबकि रूस की ओर से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सहयोगी व्लादिमीर मेदिंस्की शामिल होंगे। यह पहली बार है कि दोनों पक्ष एक ही मंच पर आमने-सामने बैठकर बातचीत करेंगे। इससे पहले वार्ताएं केवल ऑनलाइन या तीसरे पक्ष की मध्यस्थता में हुई थीं।
पुतिन ने ज़ेलेंस्की से मुलाकात का प्रस्ताव ठुकराया
शांति प्रक्रिया को उस समय झटका लगा जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से सीधी मुलाकात का प्रस्ताव ठुकरा दिया। विश्लेषकों के मुताबिक ऐसी बैठक की संभावना पहले से ही कम थी, लेकिन अब यह पूरी तरह से समाप्त होती दिख रही है।
युद्धविराम पर भी नहीं बनी सहमति
अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा प्रस्तावित 30-दिन के युद्धविराम को यूक्रेन ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है, लेकिन रूस ने इस पर कई कठोर शर्तें जोड़कर इसे अस्वीकार कर दिया है। इससे वार्ता की सफलता को लेकर अनिश्चितता और बढ़ गई है।
युद्ध का संक्षिप्त इतिहास
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ था। इसमें अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों नागरिक विस्थापित हुए हैं। युद्ध के शुरुआती महीनों में कीव, मारियुपोल, बखमुत और खारकीव जैसे शहर सबसे अधिक प्रभावित हुए।
हालांकि इस्तांबुल वार्ता से किसी तत्काल समाधान की उम्मीद नहीं है, लेकिन इसे एक राजनयिक शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है जो भविष्य में स्थायी समाधान की नींव रख सकती है।
