बीजापुर (छत्तीसगढ़):
छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित नक्सल प्रभावित कर्रेगुट्टा पहाड़ियों पर सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। बीते 9 दिनों से चल रहे व्यापक एंटी-नक्सल ऑपरेशन के दौरान जवानों ने कर्रेगुट्टा की चोटी पर नियंत्रण स्थापित कर वहां भारत का तिरंगा फहरा दिया। यह क्षेत्र वर्षों से नक्सलियों का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है।
🔶 ऑपरेशन की प्रमुख बातें:
- ऑपरेशन में करीब 20,000 जवान शामिल रहे।
- 500 जवानों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सीधे पहाड़ी पर उतारा गया।
- चारों ओर से घेरे गए इलाके में सुरक्षा बलों ने रणनीतिक सफलता पाई।
- सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में जवानों को तिरंगे के साथ पहाड़ी पर खड़े देखा गया।
🔶 नक्सलियों को मिली करारी चोट:
सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में:
- तीन महिला नक्सली ढेर हुईं।
- कई नक्सलियों को क्षेत्र से खदेड़ा गया।
- इलाके में कई बड़े नक्सली कमांडरों के छिपे होने की आशंका है, जिनकी तलाश जारी है।
🔶 चुनौतियों से भरा रहा ऑपरेशन:
- 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचते तापमान में जवानों ने मोर्चा संभाला।
- ऑपरेशन के दौरान दो जवान आईईडी ब्लास्ट में घायल हुए।
- कई जवानों को डिहाइड्रेशन की समस्या से भी जूझना पड़ा।
🔶 आधिकारिक पुष्टि का इंतजार:
हालांकि अभी तक किसी सुरक्षा एजेंसी ने कर्रेगुट्टा पर कब्जे की औपचारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन वायरल तस्वीरों और स्थानीय सूत्रों की मानें तो यह एक बड़ी रणनीतिक सफलता मानी जा रही है।
📌 निष्कर्ष:
यह ऑपरेशन न केवल एक भौगोलिक जीत है, बल्कि नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम में एक मनोवैज्ञानिक बढ़त भी प्रदान करता है। आने वाले दिनों में क्षेत्र में शांति स्थापना और विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है।
