उज्जैन (मध्य प्रदेश)।
धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर मार्ग पर अवैध निर्माण के खिलाफ शुक्रवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलवाया।
उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) ने नगर निगम और पुलिस बल के साथ मिलकर बेगम बाग क्षेत्र में तीन व्यावसायिक भवनों को ध्वस्त कर दिया।
क्या है मामला?
प्राधिकरण के मुताबिक ये सभी निर्माण UDA द्वारा पारित मानकों का उल्लंघन करते हुए किए गए थे।
- कुछ भूखंडों के कई टुकड़े कर दिए गए थे
- बिना अनुमति के कमर्शियल बिल्डिंग्स खड़ी कर दी गईं
- इनकी लीज 2014-15 में ही खत्म हो चुकी थी, बावजूद इसके निर्माण जारी रहा
UDA अधिकारी का बयान
UDA के CEO संदीप सोनी ने बताया:
“यह क्षेत्र उज्जैन विकास प्राधिकरण की योजना का हिस्सा है। हमने इन संपत्तियों को डेढ़ साल पहले नोटिस दिया था और सितंबर 2024 में अंतिम आदेश भी पारित किया गया था।”
उन्होंने कहा कि अब तक 28 से ज्यादा लीज निरस्त की जा चुकी हैं और आगे 50 और भूखंडों पर कार्रवाई की योजना है।
महाकाल मंदिर मार्ग को चौड़ा करने की तैयारी
बेगम बाग मार्ग वह रास्ता है जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर तक पहुंचते हैं।
इस रास्ते को चौड़ा करने की योजना के तहत प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
स्थानीय लोगों का विरोध
प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान स्थानीय निवासियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
लोगों का आरोप है कि उन्हें सुनवाई का पर्याप्त अवसर नहीं मिला और बिना पुनर्वास योजना के कार्रवाई की जा रही है।
हालांकि प्राधिकरण का कहना है कि यह अतिक्रमण हटाने का वैध और कानूनी कदम है।
न्यायिक प्रक्रिया और कार्रवाई
- मामला पहले हाई कोर्ट तक गया था
- कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद अब एक्शन लिया गया
- प्राधिकरण के अनुसार, जिनकी लीज खत्म हो चुकी हो, वह जमीन स्वतः सरकारी संपत्ति में बदल जाती है, और उस पर कब्जा अतिक्रमण की श्रेणी में आता है
निष्कर्ष
महाकालेश्वर मंदिर मार्ग पर अवैध निर्माणों के खिलाफ प्रशासन की बुलडोजर कार्रवाई ने एक ओर जहां शहर को व्यवस्थित और नियोजित रूप देने की दिशा में कदम उठाया है, वहीं स्थानीय विरोध और पुनर्वास की कमी प्रशासन के सामने चुनौती बनकर खड़ी हो रही है।
आगामी दिनों में अन्य 50 भूखंडों पर भी इसी तरह की कार्रवाई होने की संभावना है।
